by-Ravindra Sikarwar
ग्वालियर: ग्वालियर संभाग में हो रही मूसलाधार बारिश ने हरसी बांध को पूरी तरह से भर दिया है, जिससे शिवपुरी और ग्वालियर जिलों के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। यह ऐतिहासिक बांध, जिसे 1935 में तत्कालीन ग्वालियर रियासत के महाराज जीवाजीराव सिंधिया ने मिट्टी और गारे से बनवाया था, अब ओवरफ्लो हो रहा है। हरसी बांध को एशिया का पहला मिट्टी का बांध माना जाता है, और इसकी एक अनूठी विशेषता यह है कि इसमें कोई फाटक (दरवाजे) नहीं हैं।
क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बांध में पानी का स्तर तेजी से बढ़ा है, और अब यह अपनी पूर्ण क्षमता तक पहुंच गया है। बांध से पानी का बहाव तेज होने के कारण निचले इलाकों में स्थित गांवों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है। स्थानीय प्रशासन ने इन क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
मौसम विभाग (IMD) ने भी अगले कुछ दिनों तक क्षेत्र में भारी बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान लगाया है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासन ने संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिसमें बचाव दल को तैयार रखना और संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने की योजना बनाना शामिल है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।