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by-Ravindra Sikarwar

चेन्नई, तमिलनाडु: भारत की अग्रणी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा (EMS) प्रदाता कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज (इंडिया) लिमिटेड ने महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई हैं। कंपनी ने घोषणा की है कि वह चेन्नई में स्थित अपने अत्याधुनिक नए विनिर्माण संयंत्र से चालू वित्त वर्ष (वित्तीय वर्ष 2025-26) में लगभग ₹1,500 करोड़ का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रख रही है। यह आंकड़ा डिक्सन के तेजी से हो रहे विस्तार और भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

डिक्सन की विस्तार रणनीति और चेन्नई प्लांट का महत्व:
डिक्सन टेक्नोलॉजीज भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है, जो उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, लाइटिंग उत्पाद, घरेलू उपकरण, मोबाइल फोन और सीसीटीवी कैमरों सहित विभिन्न प्रकार के उत्पादों का निर्माण करती है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूती देने में कंपनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। चेन्नई में नया संयंत्र कंपनी की विनिर्माण क्षमता को और बढ़ाने की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चेन्नई को एक विनिर्माण केंद्र के रूप में चुना जाना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां कुशल श्रमबल, मजबूत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र और प्रमुख बंदरगाहों तक आसान पहुंच उपलब्ध है, जो निर्यात-उन्मुख उत्पादन के लिए आदर्श है।

₹1,500 करोड़ का राजस्व लक्ष्य इस बात का संकेत है कि नए संयंत्र में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो चुका है या जल्द ही होने वाला है। उम्मीद है कि यह संयंत्र मुख्य रूप से मोबाइल फोन और अन्य उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उच्च-मांग वाले उत्पादों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनकी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में लगातार बढ़ती मांग है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ और PLI योजना से जुड़ाव:
डिक्सन टेक्नोलॉजीज केंद्र सरकार की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (Production-Linked Incentive – PLI) योजना की प्रमुख लाभार्थी कंपनियों में से एक रही है। PLI योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाना है। डिक्सन के नए संयंत्र और उसके बड़े राजस्व लक्ष्य सीधे तौर पर इस योजना की सफलता और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण से जुड़े हुए हैं। सरकार की नीतियों से मिल रहे समर्थन का लाभ उठाकर डिक्सन न केवल अपनी क्षमता बढ़ा रही है, बल्कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार कर रही है।

रोजगार सृजन और आर्थिक प्रभाव:
इस नए संयंत्र के पूरी क्षमता से चलने से तमिलनाडु राज्य में बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, और इलेक्ट्रॉनिक्स घटक निर्माताओं और सहायक उद्योगों के लिए नए रास्ते खोलेगा। डिक्सन का यह विस्तार भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स आयात पर अपनी निर्भरता कम करने और वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण मानचित्र पर अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद करेगा। यह दर्शाता है कि भारतीय कंपनियां कैसे सरकारी नीतियों का लाभ उठाकर न केवल अपने व्यापार का विस्तार कर रही हैं बल्कि राष्ट्रीय आर्थिक लक्ष्यों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

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