Spread the love

BY: Ravindra singh/ Yoganand Shrivastva

ग्वालियर, तमाम प्रशासनिक रुकावटों और आखिरी क्षण में अनुमति रद्द किए जाने के बावजूद रक्षक मोर्चा द्वारा आयोजित व्याख्यान माला का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। यह आयोजन बाबू जगजीवन राम की जयंती पर आयोजित किया गया था, जिसमें संविधान की मूल अवधारणाओं और सनातन संस्कृति पर हो रहे हमलों पर चर्चा की गई।

कार्यक्रम का आयोजन प्रारंभ में ग्वालियर के IITTM सभागार में होना तय था, लेकिन प्रशासन द्वारा देर रात 11:56 बजे अचानक अनुमति रद्द कर दी गई। आयोजकों का आरोप है कि यह निर्णय जानबूझकर बाधा उत्पन्न करने की मंशा से लिया गया। इसके विरोध में रक्षक मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और कार्यक्रम कराने की जिद पर अड़ गए। अंततः कार्यक्रम का स्थान बदलकर आनंदम इन होटल, डीडी नगर में स्थानांतरित किया गया और यह दोपहर 12 बजे से आरंभ हुआ।

इस सम्मेलन की अध्यक्षता अधिवक्ता अनिल मिश्रा, अमित दुबे, अखिलेश पांडेय एवं ध्यानेंद्र शर्मा ने की। मुख्य वक्ता के रूप में स्वामी आनंद स्वरूप जी उपस्थित रहे। इस अवसर पर श्री हरिदास महाराज (जड़ेरुआ धाम), स्वामी आनंद गिरि, देव प्रकाश गिरि, बरुआ महाराज, स्वामी गीतानंद जी, एवं गुरु मां ममता दास विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

सम्मेलन में गोपीलाल भारती, दिनेश सिंह LLM, संदीप जौहरी, शशिकांत भटनागर, घनश्याम स्वामी, महेश मुद्गल, और अन्य विशिष्ट जनों ने भाग लिया। वक्ताओं ने जय श्रीराम के नारों के बीच मंच से अपने विचार रखे और भारतीय संस्कृति, संविधान एवं सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।

धर्मांतरण और प्रशासन की भूमिका पर तीखी आलोचना

स्वामी आनंद स्वरूप जी ने कहा कि धर्मांतरण न केवल धार्मिक आक्रमण है, बल्कि कानूनी रूप से भी गंभीर अपराध है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस गतिविधि को प्रशासन का मौन समर्थन प्राप्त है, जो कि समाज में असंतोष का ज्वालामुखी तैयार कर रहा है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि शांभवी पीठ ग्वालियर में विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित करेगी।

इस दौरान संविधान सभा के ग्वालियर क्षेत्र से इकलौते प्रतिनिधि रहे लेफ्टिनेंट कर्नल ब्रजराज नारायण श्रीवास्तव के परिजनों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। साथ ही, सर बी. एन. राउ को भारत रत्न देने की मांग भी मंच से जोर-शोर से उठाई गई। अधिवक्ता अनिल मिश्रा ने कहा, “भारत के संविधान के वास्तुकार रहे सर बी. एन. राउ को जिस सम्मान का वे हकदार थे, उससे भारत की जातिगत राजनीति ने उन्हें वंचित रखा है।”

आगामी वीडियो सेंसरशिप और जन-जागरूकता पर वक्तव्य

अखिलेश पांडेय ने अपने वक्तव्य में आने वाले समय में मीडिया और सोशल मीडिया पर लगाई जा सकने वाली संभावित पाबंदियों पर चिंता जताई और जन-जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया।

इस आयोजन में प्रमुख रूप से नीरज भार्गव (अधिवक्ता), हरीश शर्मा, धर्मेंद्र भारद्वाज, सुनील पटेरिया, छोटू कुशवाह, रविनंदन तिवारी, कुलदीप कंकोरिया, जनवेद सिंह तोमर, जोगेन्द्र सिंह सिकरवार, अन्नु राजावत, बृजेश तोमर, अमित यादव, प्रदीप शर्मा (आरोली), लालता प्रसाद मिश्रा, अशोक शर्मा, अमित खैंमरिया, घनश्याम शास्त्री, टिंकू शर्मा और राम पाठक समेत सैकड़ों नागरिक उपस्थित रहे।

इस सफल आयोजन ने यह संदेश दिया कि धर्म, संस्कृति और संविधान की रक्षा के लिए जनता आज भी एकजुट हो सकती है — चाहे प्रशासन कितनी भी बाधाएँ क्यों न उत्पन्न करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp