by-Ravindra Sikarwar
हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद में 30 मई को एक नीले सूटकेस में मिले महिला के शव का पुलिस ने एक सप्ताह के भीतर ही पर्दाफाश कर दिया है। यह शव दिल्ली की एक युवती का था, जिसकी हत्या उसके प्रेमी ने कथित तौर पर किसी और से संबंध होने के शक और लिए गए 5 लाख रुपये से अधिक के उधार को न लौटाने के इरादे से की थी। दिल्ली में गला घोंटकर हत्या करने के बाद, प्रेमी ने शव को हापुड़ लाकर फेंक दिया था।
सनसनीखेज वारदात का खुलासा:
पुलिस को 30 मई को हापुड़ जनपद के पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के सिखेड़ा बंबे के पास एक नीले सूटकेस में एक महिला का शव मिला था। यह ब्लाइंड मर्डर केस पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था। इस मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने लगभग 500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और अन्य स्रोतों से जानकारी जुटाई। गहन जांच के बाद, मृतका की पहचान दिल्ली के त्रिलोकपुरी निवासी निलेश के रूप में हुई।
पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए पश्चिमी दिल्ली के विनोद नगर स्थित प्रताप लाइब्रेरी के पास रहने वाले सत्येंद्र यादव पुत्र जगरूप को गिरफ्तार किया है। सत्येंद्र यादव के कब्जे से पुलिस ने निलेश की एक पासबुक, एक चेक, केवाईसी फॉर्म, आधार कार्ड, पैन कार्ड, दो मोबाइल फोन और वारदात में इस्तेमाल की गई कार बरामद की है।
प्यार, शक और पैसे का खूनी खेल:
गिरफ्तार हत्यारोपी सत्येंद्र ने पुलिस को बताया कि वह और निलेश एक-दूसरे से प्यार करते थे। जब निलेश बीमार थी, तो वह दिल्ली में उससे मिलने जाता था। करीब पांच महीने तक सत्येंद्र अपनी नौकरी के सिलसिले में पटियाला चला गया। इस दौरान जब भी वह रात में निलेश को फोन करता, उसका फोन अक्सर व्यस्त आता था, जिससे उसे निलेश पर किसी और से संबंध होने का शक हो गया था।
सत्येंद्र ने यह भी बताया कि उसने निलेश से 5 लाख 25 हजार रुपये उधार लिए थे, जिससे उसने एक कार खरीदी थी। 28 मई को निलेश उससे मिलने उसके दिल्ली वाले कमरे पर पहुंची और अपने उधार के पैसे मांगे। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया और सत्येंद्र ने गुस्से में निलेश का चुन्नी से गला घोंट दिया।
शव को ठिकाने लगाने की कहानी:
निलेश की हत्या करने के बाद, सत्येंद्र ने उसके शव को एक नीले रंग के सूटकेस में बंद कर दिया और रात होने का इंतजार करने लगा। रात करीब 9 बजे, उसने अपना फोन बंद कर लिया और शव वाले सूटकेस को अपनी गाड़ी में रखकर किसी अनजान जगह छिपाने के लिए निकल पड़ा।
रास्ते में गाजीपुर के पास एक गंदे नाले में सत्येंद्र ने निलेश का मोबाइल फोन तोड़कर फेंक दिया और दिल्ली से मुरादाबाद की ओर चल दिया। हापुड़ पहुंचने पर, छिजारसी में टोल शुल्क बचाने के लिए, वह रजवाहे की पटरी से होते हुए सिखेड़ा बंबे के पास पहुंचा और गाड़ी से सूटकेस निकालकर रजवाहे में फेंक दिया।
एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने के लिए लगभग 500 सीसीटीवी कैमरों की मदद ली और अन्य सूत्रों का भी सहारा लिया। इन्हीं सूत्रों से यह जानकारी मिली कि एक गाड़ी से महिला के शव को सूटकेस में बंद कर यहां फेंका गया था। इसके बाद पुलिस दिल्ली पहुंची, जहां इस पूरी घटना का पर्दाफाश हुआ।
यह घटना दिखाती है कि कैसे रिश्तों में शक और पैसे का लेन-देन कभी-कभी भयानक रूप ले सकता है। पुलिस के त्वरित और विस्तृत जांच से ही इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझ पाई।