by-Ravindra Sikarwar
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में सीमा तनाव को कम करने और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए एक चार-सूत्रीय योजना का प्रस्ताव रखा। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव लगातार बना हुआ है।
चार-सूत्रीय योजना के मुख्य बिंदु:
- पूर्ण विघटन (Complete Disengagement): राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सभी विवादित क्षेत्रों से सैनिकों को पूरी तरह से हटाना पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि सैनिकों की वापसी न केवल दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाल करेगी, बल्कि भविष्य में होने वाली किसी भी अप्रिय घटना को भी रोकेगी।
- सीमांकन पर ध्यान (Focus on Demarcation): रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों को सीमा के स्पष्ट और स्थायी सीमांकन पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि जब तक सीमा स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं होगी, तब तक सीमा विवादों का समाधान संभव नहीं होगा।
- पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा (Raising the Issue of Pakistan-Sponsored Terrorism): राजनाथ सिंह ने चीन के समक्ष पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने चीन से आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में सहयोग करने और इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने का लिए कहा।
- संचार और पारदर्शिता (Communication and Transparency): रक्षा मंत्री ने सुझाव दिया कि दोनों देशों को सैन्य और कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से नियमित रूप से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संचार और पारदर्शिता से गलतफहमियां दूर होंगी और विश्वास का माहौल बनेगा।
बैठक का महत्व:
यह बैठक दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी। राजनाथ सिंह के प्रस्तावों से यह स्पष्ट हो गया कि भारत सीमा विवादों के समाधान के लिए एक स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान चाहता है।