by-Ravindra Sikarwar
नई दिल्ली: केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जा रही कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-अंडरग्रेजुएट (CUET-UG) परीक्षा में मंगलवार को देश के कई केंद्रों पर ‘तकनीकी गड़बड़ी’ के कारण देरी का सामना करना पड़ा। इस अप्रत्याशित समस्या से हजारों छात्रों और उनके अभिभावकों को भारी परेशानी और तनाव का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्हें घंटों तक परीक्षा शुरू होने का इंतजार करना पड़ा या परीक्षा रद्द होने की सूचना मिली।
CUET-UG परीक्षा का महत्व:
CUET-UG देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में से एक है, जो छात्रों को देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों और कई निजी व डीम्ड विश्वविद्यालयों में प्रवेश का अवसर प्रदान करती है। यह परीक्षा छात्रों के अकादमिक भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और इसलिए इसका सुचारु संचालन अत्यंत आवश्यक है।
तकनीकी गड़बड़ी का विवरण:
रिपोर्टों के अनुसार, परीक्षा केंद्रों पर सर्वर डाउन होने, इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्याओं, बायोमेट्रिक सत्यापन में विफलता और कंप्यूटर सिस्टम में खराबी जैसी विभिन्न तकनीकी गड़बड़ियाँ सामने आईं। कई केंद्रों पर तो छात्रों को सुबह की पाली के लिए निर्धारित समय से घंटों बाद भी परीक्षा शुरू होने की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। कुछ छात्रों ने बताया कि उन्हें परीक्षा कक्ष में बैठने के बाद भी सिस्टम क्रैश होने या लॉग इन न कर पाने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA), जो CUET-UG का संचालन करती है, को तुरंत स्थिति का संज्ञान लेना पड़ा।
छात्रों पर असर और अनिश्चितता:
देशभर से आए छात्रों को इस देरी और अनिश्चितता के कारण भारी मानसिक और शारीरिक परेशानी हुई। दूर-दराज के इलाकों से परीक्षा देने आए छात्रों और उनके अभिभावकों को अतिरिक्त खर्च और असुविधा का सामना करना पड़ा। कई छात्रों ने बताया कि इस प्रकार की बाधाओं से उनकी एकाग्रता भंग हुई और उनके प्रदर्शन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। परीक्षा रद्द होने की स्थिति में, उन्हें परीक्षा की तैयारी और यात्रा की व्यवस्था फिर से करनी होगी, जिससे उनका समय और संसाधन बर्बाद होंगे।
NTA की प्रतिक्रिया और आगे की राह:
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने उन केंद्रों पर परीक्षा स्थगित करने या पुनर्निर्धारित करने की घोषणा की है जहां तकनीकी गड़बड़ियों के कारण परीक्षा सुचारु रूप से आयोजित नहीं की जा सकी। NTA ने प्रभावित छात्रों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है और उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी परीक्षा जल्द ही दोबारा आयोजित की जाएगी। हालांकि, इस घटना ने ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की मजबूती और आकस्मिक योजना (contingency plan) की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
यह घटना दर्शाती है कि देश में बड़े पैमाने पर ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अभी भी अधिक मजबूत और विश्वसनीय तकनीकी प्रणालियों की आवश्यकता है, ताकि छात्रों को ऐसी परेशानियों का सामना न करना पड़े और उनकी शैक्षणिक यात्रा में कोई अनावश्यक बाधा न आए। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों से बचने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएं और छात्रों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो।