नई दिल्ली: देश इस समय गंभीर आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जारी किया गया एक विवादित पोस्टर, जिसमें उनके सिर को गायब दिखाया गया है और “सर तन से जुदा” जैसे उत्तेजक नारे का इस्तेमाल किया गया है, ने राजनीतिक माहौल को और भी गरमा दिया है। 1 इस पोस्टर ने कई सवाल खड़े किए हैं, जिनमें सबसे अहम यह है कि क्या कांग्रेस पार्टी को, जिसकी स्थापना एक सदी से भी पहले हुई थी, देश में एक आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया जाना चाहिए?
‘सिर तन से जुदा’, कांग्रेस ने शेयर किया पीएम मोदी का ‘गायब’ वाला पोस्टर; भड़की भाजपा

यह प्रश्न भले ही कुछ लोगों को अतिशयोक्तिपूर्ण लगे, लेकिन कांग्रेस के इस कृत्य ने देश के भीतर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। यह पोस्टर, विशेषकर तब जारी किया गया है जब देश आतंकवाद से जूझ रहा है, कांग्रेस की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
देश के लिए चिंताजनक समय में कांग्रेस का व्यवहार:
जब देश एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है, तो कांग्रेस का यह व्यवहार किसकी मदद कर रहा है? जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जैसे नेता भी, जिनकी पार्टी की कश्मीर नीति हमेशा विवादों में रही है, वर्तमान स्थिति की गंभीरता को स्वीकार करते हुए संयम बरत रहे हैं। उन्होंने कश्मीर को अलग राज्य का दर्जा देने जैसी बातें करने से परहेज किया और यहां तक कि अपने राज्य में आए मेहमानों की सुरक्षा सुनिश्चित न कर पाने के लिए माफी भी मांगी।
यहां तक कि अपने उत्तेजक बयानों के लिए जाने जाने वाले हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी आतंकवादियों की कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें कुचलने की मांग की है। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व का व्यवहार शर्मनाक और आक्रोशित करने वाला है, जिसने देश के नेतृत्व के खिलाफ खुलेआम नफरत का प्रदर्शन किया है।
राहुल गांधी की पहलगाम यात्रा और उनकी मुलाकातें भी संदेह के घेरे में हैं। कांग्रेस का यह व्यवहार नया नहीं है। अतीत में, पार्टी ने देश को विश्वास में लिए बिना चीनी राजनयिकों से मुलाकात की, अमेरिका में देश विरोधी बयान दिए, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से की और संसद में सड़क छाप व्यवहार प्रदर्शित किया। “मोदी चुनाव के बाद बाहर निकलेंगे तो देश की जनता डंडे मारेगी” जैसे बयान भी कांग्रेस नेताओं द्वारा दिए गए हैं।
सीमा लांघता पोस्टर:
हालांकि, इस नए पोस्टर ने सभी सीमाओं को पार कर दिया है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक या अन्य उचित सैन्य कार्रवाई के माध्यम से दुश्मनों से निपटे। लेकिन, उसे “घर के दुश्मनों” से निपटने के लिए भी रणनीति बनानी चाहिए। इतिहास गवाह है कि निर्णायक युद्धों में भारत ने अक्सर “जयचंदों” के कारण हार का सामना किया है।
पाकिस्तान के राजनीतिक दल, भले ही आपस में शत्रुता रखते हों, भारत के खिलाफ एकजुट हो जाते हैं। कांग्रेस का प्रधानमंत्री का सिर काटने वाला पोस्टर क्या संदेश देता है? इतिहास ने इस अक्षम्य अपराध को दर्ज कर लिया है।
निष्कर्ष:
कांग्रेस पार्टी का यह कृत्य न केवल राजनीतिक रूप से निंदनीय है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है। देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता की आवश्यकता है, न कि राजनीतिक विभाजन की। केंद्र सरकार को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और उचित कार्रवाई करनी चाहिए।