by-Ravindra Sikarwar
भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक स्थानीय अदालत ने उन्हें मानहानि के एक मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखने या लिखित में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह नोटिस दिग्विजय सिंह द्वारा दिए गए एक कथित विवादास्पद बयान को लेकर जारी किया गया है, जिसके बाद सत्ताधारी दल के एक नेता ने उन पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, अदालत का यह नोटिस एक मानहानि के मुकदमे के तहत जारी किया गया है। यह मुकदमा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक स्थानीय नेता ने दायर किया है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि दिग्विजय सिंह ने कुछ समय पहले एक सार्वजनिक मंच से दिए गए भाषण में या सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
शिकायतकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि दिग्विजय सिंह का बयान पूरी तरह से निराधार है और इससे उनकी सार्वजनिक छवि को भारी नुकसान पहुंचा है। उनका दावा है कि इन आरोपों से उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है और यह एक सुनियोजित मानहानि का प्रयास है।
कोर्ट का आदेश और अगली सुनवाई:
अदालत ने शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए सबूतों और दलीलों की प्रारंभिक सुनवाई के बाद दिग्विजय सिंह को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें निर्धारित तिथि पर अदालत में उपस्थित होने या अपने वकील के माध्यम से अपना पक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख जल्द ही तय की जाएगी, जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
लगातार बयानों को लेकर रहते हैं सुर्खियों में:
दिग्विजय सिंह अपने बेबाक और अक्सर विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं। वे सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों से सरकार और विपक्षी नेताओं पर तीखे हमले करते रहते हैं। उनके इन बयानों को लेकर कई बार कानूनी और राजनीतिक विवाद खड़े हो चुके हैं। उन पर पहले भी कई मानहानि के मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इस नए कानूनी मामले ने एक बार फिर मध्य प्रदेश की राजनीति में गर्माहट ला दी है और सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि दिग्विजय सिंह इस नोटिस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।