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by-Ravindra Sikarwar

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार (4 जून) को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने की याचिका को स्वीकार कर लिया है। यह फैसला दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में आरोपी केजरीवाल के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है, जिनकी जांच सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही है।

अदालत का फैसला और तर्क:
विशेष न्यायाधीश दिग विनय सिंह की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अगर केजरीवाल का पासपोर्ट नियमों के अनुसार 10 साल के लिए नवीनीकृत किया जाता है तो अदालत को “कोई आपत्ति नहीं” है। न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि यद्यपि केजरीवाल इस समय विदेश यात्रा की अनुमति नहीं मांग रहे हैं, फिर भी यह तथ्य उनके पासपोर्ट को पूरे 10 साल के लिए नवीनीकृत करने की अनुमति देने में बाधा नहीं बन सकता। अदालत ने यह भी रेखांकित किया कि केजरीवाल की जमानत शर्तों में पहले से ही यह निर्धारित है कि वह अदालत की औपचारिक अनुमति के बिना विदेश यात्रा नहीं कर सकते।

हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आदेश पासपोर्ट प्राधिकारियों के विवेक पर किसी भी तरह से बाधा नहीं डालेगा। पासपोर्ट अधिकारी भारतीय पासपोर्ट अधिनियम और संबंधित नियमों के तहत पासपोर्ट के नवीनीकरण को स्वीकार करने या अस्वीकार करने के लिए स्वतंत्र हैं। अदालत द्वारा दी गई यह ‘अनापत्ति’ तीन महीने की अवधि के लिए वैध रहेगी, जिसके भीतर केजरीवाल अपना पासपोर्ट नवीनीकृत करवा सकते हैं।

सीबीआई और ईडी का विरोध:
सुनवाई के दौरान, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों ने केजरीवाल की याचिका का विरोध किया था। सीबीआई ने दलील दी कि ऐसे मामलों में उसकी अदालतों द्वारा अपनाए गए मानदंडों के अनुसार, पासपोर्ट नवीनीकरण की अनुमति आमतौर पर 5 साल के लिए दी जाती है। वहीं, ईडी ने कोई औपचारिक जवाब दाखिल नहीं किया, लेकिन मौखिक रूप से निवेदन किया कि पासपोर्ट को पूरे 10 साल के लिए नवीनीकृत नहीं किया जाना चाहिए।

केजरीवाल के वकील की दलील:
केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत को बताया कि उनका पासपोर्ट 2018 में ही समाप्त हो गया था और उन्होंने 10 साल के लिए इसके नवीनीकरण का अनुरोध किया है। वकील ने जोर दिया कि चूंकि केजरीवाल को विदेश यात्रा के लिए वैसे भी अदालत से अनुमति लेनी होगी, इसलिए पासपोर्ट को पूरे 10 साल के लिए नवीनीकृत करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

मामले की पृष्ठभूमि:
यह मामला दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। सीबीआई और ईडी का आरोप है कि नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को यह नीति लागू की थी और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत तक इसे रद्द कर दिया था। केजरीवाल को इस मामले में 21 मार्च, 2024 को ईडी ने गिरफ्तार किया था, और बाद में सीबीआई ने भी औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। उन्हें सर्वोच्च न्यायालय से ईडी मामले में 12 जुलाई, 2024 को अंतरिम जमानत मिली थी, और सीबीआई मामले में 13 सितंबर, 2024 को जमानत मिली थी।

यह फैसला केजरीवाल को एक कानूनी बाधा से निपटने में मदद करेगा, हालांकि उन्हें अभी भी भविष्य में किसी भी विदेश यात्रा के लिए अदालत से विशेष अनुमति लेनी होगी।

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