Spread the love

by-Ravindra Sikarwar

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निर्माण को लेकर कांग्रेस पार्टी को एक बड़ी और सीधी चुनौती दी है। उन्होंने कांग्रेस से सार्वजनिक रूप से यह मांग की है कि अगर वह इस मुद्दे पर वाकई गंभीर है, तो उसे अदालत में एक शपथ पत्र (affidavit) दायर कर मंदिर निर्माण के पक्ष में अपना आधिकारिक समर्थन देना चाहिए।

यह बयान मुख्यमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिया, जिससे मथुरा विवाद का संवेदनशील मुद्दा एक बार फिर राजनीतिक बहस के केंद्र में आ गया है।

सीएम की खुली चुनौती और कांग्रेस से मांग:
अपने भाषण में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि अब सिर्फ बयानबाजी या चुनावी वादों से काम नहीं चलेगा। उन्होंने सीधे तौर पर कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती देते हुए कहा, “अगर आप सच में भगवान श्रीकृष्ण के भक्त हैं और मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं, तो हिम्मत दिखाएं। सिर्फ जुबान से बोलने से कुछ नहीं होगा। आप कोर्ट में जाकर कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बनें और इस संबंध में एक शपथ पत्र दाखिल करें।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस ऐसा करती है, तो यह माना जाएगा कि उनका रुख साफ है, वरना यह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति समझी जाएगी। यह कहकर मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को इस संवेदनशील धार्मिक और कानूनी मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए मजबूर कर दिया है।

मथुरा विवाद का राजनीतिक और कानूनी पहलू:
मुख्यमंत्री की यह चुनौती ऐसे समय में आई है जब मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद परिसर को लेकर कानूनी लड़ाई चरम पर है। यह मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है, और हिंदू पक्ष लगातार यह मांग कर रहा है कि विवादित भूमि मंदिर ट्रस्ट को सौंपी जाए। बीजेपी और उससे जुड़े संगठन लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं, जबकि विपक्षी दल इस पर बेहद सावधानी से बयान दे रहे हैं ताकि वे किसी भी पक्ष की भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं।

कांग्रेस के लिए राजनीतिक दुविधा:
मुख्यमंत्री की इस चुनौती ने कांग्रेस के लिए एक बड़ी राजनीतिक दुविधा खड़ी कर दी है।

  • अगर कांग्रेस शपथ पत्र दायर कर मंदिर निर्माण का समर्थन करती है, तो उसे अपने मुस्लिम और धर्मनिरपेक्ष वोट बैंक के नाराज होने का खतरा है।
  • वहीं, अगर वह ऐसा करने से मना करती है, तो बीजेपी और उसके सहयोगी दल उसे हिंदू विरोधी और आस्था के खिलाफ बताकर राजनीतिक हमला करेंगे।

यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस चुनौती पर क्या प्रतिक्रिया देती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनौती भविष्य में मथुरा विवाद के राजनीतिकरण को और तेज कर सकती है, ठीक उसी तरह जैसे अयोध्या राम मंदिर मुद्दे पर हुआ था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp