by-Ravindra Sikarwar
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पतंगबाजी के लिए इस्तेमाल होने वाला प्रतिबंधित चीनी मांझा एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ है। इस खतरनाक मांझे की चपेट में आने से 22 वर्षीय एक युवा कारोबारी की दर्दनाक मौत हो गई है, जिसने शहर में इसकी अवैध बिक्री और उपयोग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दर्दनाक हादसे का विवरण:
यह दुखद घटना 26 जून, 2025 की देर शाम दिल्ली के खजूरी खास इलाके में हुई। मृतक की पहचान शिखर कालरा (22) के रूप में हुई है, जो भजनपुरा इलाके में रहते थे। जानकारी के अनुसार, शिखर अपने एक दोस्त के साथ स्कूटर पर सवार होकर अपने घर लौट रहे थे। शाम करीब 7:30 बजे जब वे लोहे वाले पुल से गुजर रहे थे, तो एक धारदार चीनी मांझा उनके गले में फंस गया।
इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, मांझे ने उनकी गर्दन को बुरी तरह से काट दिया। शिखर ने तुरंत स्कूटर रोका, और खून से लथपथ देखकर आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े। उन्हें तुरंत पास के एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुँचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों के अनुसार, मांझे से गर्दन की नसें (jugular veins) कट गई थीं, जिससे अत्यधिक खून बह गया, जो मौत का कारण बना।
प्रशासन की ढिलाई पर उठे सवाल:
यह कोई पहली घटना नहीं है। दिल्ली में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने साल 2017 में ही मानवों और पक्षियों के लिए इसके खतरों को देखते हुए चीनी मांझे की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद, यह मांझा चोरी-छिपे बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहा है।
इस घटना के बाद, दिल्ली पुलिस ने लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल प्रशासन और पुलिस की सख्ती पर उठता है। जब यह मांझा प्रतिबंधित है, तो इसे बाजार से क्यों नहीं हटाया जा रहा है?
- अवैध बिक्री का नेटवर्क: पतंगबाजी के मौसम में, खासकर चांदनी चौक और जामा मस्जिद जैसे इलाकों में, यह मांझा ब्लैक मार्केट में आसानी से उपलब्ध हो जाता है।
- प्रशासनिक उदासीनता: स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने में भारी ढिलाई बरती जा रही है, जिसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।
सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग:
शिखर कालरा के परिवार में इस घटना के बाद मातम छाया हुआ है। उनके पिता ने नम आँखों से सरकार से इस मांझे की बिक्री करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा सिर्फ 22 साल का था, उसका पूरा जीवन उसके सामने था। एक पतंग के धागे ने सब कुछ खत्म कर दिया।”
यह दुखद हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि इस जानलेवा खतरे को गंभीरता से लेना और इसकी अवैध बिक्री को रोकना कितना जरूरी है।