
अंबानी ग्रुप के वन तारा जू से छत्तीसगढ़ को मिलेंगे जेब्रा, बदले में राज्य से भी भेजे जाएंगे जानवर
रायपुर: छत्तीसगढ़ के वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक खुशखबरी है। राज्य को जल्द ही दो जेब्रा मिलने वाले हैं। ये जेब्रा गुजरात के जामनगर स्थित अंबानी समूह के वन तारा जू सेंटर से लाए जाएंगे। इसके बदले में छत्तीसगढ़ से भी कुछ जानवरों को वन तारा जू भेजने पर सहमति बनी है। राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप वर्तमान में वन तारा जू के प्रबंधन के आमंत्रण पर जामनगर दौरे पर हैं। उनके साथ एपीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) प्रेम कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं।
वन मंत्री केदार कश्यप ने अपने दौरे के दौरान वन तारा जू का विस्तृत निरीक्षण किया और वहां के वन्यजीव विशेषज्ञों के साथ गहन चर्चा की। इस दौरान वन्यजीवों के रखरखाव, पुनर्वास और उपचार से संबंधित तकनीकी पहलुओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ वन विभाग वन तारा जू से कुछ तकनीकी सहयोग प्राप्त करने पर भी विचार कर रहा है, ताकि राज्य के वन्यजीव प्रबंधन को और बेहतर बनाया जा सके।
गौरतलब है कि पूर्व में रायपुर के जंगल सफारी से जानवरों को वन तारा जू भेजने के संबंध में एक प्रस्ताव आया था, जिस पर उस समय सहमति नहीं बन पाई थी। हालांकि, बाद में जानवरों की अदला-बदली को लेकर दोनों पक्षों में सहमति बनी। जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ वन विभाग दुर्लभ सफेद भालू और कुछ अन्य जानवरों को वन तारा जू को देने पर राजी हो गया है।
जामनगर के वन तारा जू का दौरा करने से पहले, वन मंत्री केदार कश्यप ने गुजरात के वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलुभाई बेरा से भी मुलाकात की और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
वन तारा जू: एक आधुनिक वन्यजीव पुनर्वास केंद्र
रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट में स्थित वन तारा जू 3000 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे एक हरे-भरे जंगल के रूप में विकसित किया गया है, जो वन्यजीवों के लिए एक आदर्श आवास प्रदान करता है। वन तारा जू का दावा है कि उन्होंने 200 से अधिक हाथियों और कई अन्य जानवरों को बचाया और पुनर्वासित किया है। इस जू में विभिन्न प्रजातियों के पशु, पक्षी और सरीसृप शामिल हैं, जिनमें गैंडे, चीते, मगरमच्छ और अन्य दुर्लभ प्रजातियां भी शामिल हैं।
वन तारा जू में हाथियों के लिए विशेष शेल्टर बनाए गए हैं, जहां उन्हें जकूजी और मसाज जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा, यहां एक्सरे मशीन, हाइड्रोलिक पुली और क्रेन, हाइड्रोलिक सर्जिकल टेबल, हाइपरबेरिक ऑक्सीजन चेंबर और अन्य अत्याधुनिक उपचार सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। हाथियों के लिए बना यह विशेष शेल्टर लगभग 25,000 वर्ग फुट में फैला है।
अन्य जानवरों के पुनर्वास के लिए 650 एकड़ में एक विशेष केंद्र और 1 लाख वर्ग फुट का एक आधुनिक अस्पताल भी बनाया गया है। वन तारा के रेस्क्यू और रिहैब सेंटर में लगभग 2100 कर्मचारियों का एक विशाल दल कार्यरत है, जो जानवरों की देखभाल और उपचार में समर्पित हैं। वन तारा जू ने 2000 से अधिक जानवरों का सफल पुनर्वास किया है, जो इसे देश के सबसे बड़े और आधुनिक वन्यजीव पुनर्वास केंद्रों में से एक बनाता है।
छत्तीसगढ़ और वन तारा जू के बीच जानवरों की अदला-बदली से दोनों राज्यों के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को मजबूती मिलेगी। इससे न केवल जानवरों की प्रजातियों का संरक्षण होगा, बल्कि वन्यजीव प्रबंधन में तकनीकी सहयोग भी बढ़ेगा। वन मंत्री केदार कश्यप का यह दौरा वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।