
रायपुर, 24 मई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ‘विकसित छत्तीसगढ़’ विजन डॉक्यूमेंट 2047 प्रस्तुत किया। यह दस्तावेज़ राज्य की भावी योजनाओं और समावेशी विकास की रूपरेखा को दर्शाता है, जिसका लक्ष्य न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि संपूर्ण देश के विकास में अहम भूमिका निभाना है।
विकसित छत्तीसगढ़: आकांक्षाओं का आईना
मुख्यमंत्री साय ने बैठक से पहले एक वीडियो संदेश जारी कर कहा, “विकसित भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के निर्माण की दिशा में पूर्ण समर्पण से कार्य कर रहे हैं। यह विजन सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं, यह छत्तीसगढ़ की आकांक्षाओं का आईना है।” इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय के साथ उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा और वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी उपस्थित रहे।
समावेशी विकास और औद्योगिक अवसरों पर जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रस्तुत किए गए दस्तावेज़ में बस्तर जैसे पिछड़े क्षेत्रों के समावेशी विकास, नक्सलवाद की समाप्ति, नई औद्योगिक नीति, तथा निवेश और औद्योगिक अवसरों को विशेष रूप से शामिल किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल विकास का रोडमैप नहीं, बल्कि सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का भी खाका है।
केंद्र से अतिरिक्त सहयोग की मांग
बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की प्रमुख योजनाओं को गति देने के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहयोग की भी मांग की है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि छत्तीसगढ़ इस समय न केवल आंतरिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, बल्कि आत्मनिर्भर और टिकाऊ विकास के नए मानदंड स्थापित करने की दिशा में भी अग्रसर है।
छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक अवसर
यह पहला अवसर है जब मुख्यमंत्री साय नीति आयोग के मंच पर ऐसे महत्वपूर्ण समय में प्रदेश का विजन प्रस्तुत कर रहे हैं, जब छत्तीसगढ़ आंतरिक चुनौतियों से निपटते हुए स्वयं को आत्मनिर्भर और टिकाऊ विकास के एक नए मॉडल के रूप में स्थापित कर रहा है। इस विजन डॉक्यूमेंट के माध्यम से छत्तीसगढ़ 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।