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गरियाबंद, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के राजिम थाना क्षेत्र के सुरसाबांधा गांव से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नाबालिग लड़की की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है, जिसके बाद परिजनों ने एक महिला पर धर्मांतरण का प्रयास करने और तीन महीने तक बंधक बनाकर रखने का गंभीर आरोप लगाया है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरा आक्रोश उत्पन्न कर दिया है और पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है।

परिजनों के आरोप और घटना का विवरण
मृतका के परिजनों का आरोप है कि ईश्वरी साहू नामक महिला ने नाबालिग लड़की को शैतान का भय दिखाकर अपने नियंत्रण में कर लिया था। परिजनों का दावा है कि नाबालिग को इलाज के नाम पर किसी भी तरह का उचित चिकित्सा उपचार या डॉक्टरी परामर्श नहीं दिया गया, बल्कि केवल आयुर्वेदिक दवाइयां और प्रार्थनाएं दी जाती थीं। इस दौरान नाबालिग पर धर्म परिवर्तन के लिए भी दबाव डाला गया।

परिजनों के अनुसार, नाबालिग की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी, लेकिन उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया। अंततः, उसकी हालत इतनी गंभीर हो गई कि उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने राजिम थाना पहुंचकर ईश्वरी साहू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस कार्रवाई और जांच
परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने देर रात करीब 1 बजे धर्मांतरण और बंधक बनाने के आरोपों में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर पहुंचकर आरोपी महिला ईश्वरी साहू को हिरासत में ले लिया है।

पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह मामला अत्यंत गंभीर प्रतीत हो रहा है। जांच के दौरान यह पता लगाया जा रहा है कि नाबालिग की मृत्यु के सही कारण क्या थे और क्या वाकई में धर्मांतरण का प्रयास किया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य सभी साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है और वे इस मामले में निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच में तेज़ी लाई है, ताकि जल्द से जल्द सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके।

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