
चैत्र नवरात्र 2025 की शुरुआत 29 मार्च को शाम 04:27 बजे से हो रही है और यह 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे तक रहेगी। यह समय विशेष रूप से नवरात्र के पहले दिन की पूजा-अर्चना के लिए शुभ है। इस अवधि में पूजा के लिए उदिया तिथि का विशेष महत्व होता है, जो देवी दुर्गा की पूजा की शुरुआत के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है।
नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना (कलश स्थापना) का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि इसे सही समय पर करना उत्तम फल देने वाला माना जाता है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा विधिपूर्वक करने से पूरे नवरात्रि में सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
घटस्थापना और पूजा विधि
घटस्थापना का समय और विधि की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से श्रद्धालु देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पूजा में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है, और प्रत्येक रूप का अलग महत्व होता है। इन 9 दिनों में हर रूप की विशेष पूजा की जाती है, जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुख का संचार करती है।
इस दौरान श्रद्धालु विशेष रूप से व्रत रखते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं, जैसे ‘ॐ दुं दुर्गायै नम:’। नवरात्रि के ये दिन विशेष रूप से शक्ति की उपासना के लिए निर्धारित होते हैं, और इन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाना चाहिए।
अस्वीकरण:
यह लेख धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि इस जानकारी को अपनी श्रद्धा और विश्वास के अनुसार अपनाएं।