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दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शराब नीति घोटाले से संबंधित CAG रिपोर्ट पेश की। इस दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ, जिसके चलते आम आदमी पार्टी (AAP) के 22 विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया।

शराब नीति घोटाले में सरकार को हुआ 2002 करोड़ का नुकसान
मुख्यमंत्री ने CAG की 14 रिपोर्टों में से केवल शराब घोटाले से जुड़ी रिपोर्ट पेश की, जिसमें खुलासा हुआ कि सरकार को 2002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। संभावना है कि अगले सत्र में डीटीसी बसों से जुड़ी रिपोर्ट के अलावा और भी कई रिपोर्पेट श की जाएगी।

CAG रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 से 2021-22 तक डीटीसी का घाटा 25,300 करोड़ से बढ़कर 60,750 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसका मुख्य कारण पुरानी बसों का बेड़ा था, जिनमें से 45% बसें बहुत पुरानी हो चुकी थीं और खराब होने का खतरा था।

LIVE UPDATES: दिल्ली विधानसभा में उठे कई मुद्दे
✔ सीएम रेखा गुप्ता ने शराब घोटाले से जुड़ी CAG रिपोर्ट पेश की
✔ रिपोर्ट में सरकार को 2002 करोड़ रुपये के नुकसान की बात सामने आई
✔ विधानसभा में हंगामा, AAP के 22 विधायक सस्पेंड
✔ AAP नेता आतिशी ने कहा – “हम सड़क से सदन तक प्रदर्शन करेंगे”
✔ राज्यपाल के अभिभाषण में बड़े ऐलान:

यमुना की सफाई के लिए विशेष योजना बनेगी
दिल्ली को सर्वश्रेष्ठ मेट्रो शहर बनाया जाएगा
गरीब महिलाओं को 2500 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी
आयुष्मान योजना दिल्ली में लागू की जाएगी
500 रुपये में गैस सिलेंडर की सुविधा
वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन 2500 रुपये की जाएगी
झुग्गी बस्तियों में अटल कैंटीन खोली जाएंगी
दिल्ली की 100 दिनों की विकास रूपरेखा तैयार होगी
शराब नीति घोटाले पर BJP का हमला
CAG रिपोर्ट के खुलासे के बाद बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोला।

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “CAG रिपोर्ट AAP के भ्रष्टाचार का चिट्ठा खोलने वाली है। चुनाव में हमने वादा किया था कि जो भी भ्रष्टाचार में शामिल होगा, उसे जवाब देना पड़ेगा।”
दिल्ली के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह बोले, “AAP ने दिल्ली की जनता को लूटा है, आज इस घोटाले का सच सामने आएगा।”
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि “केजरीवाल सरकार ने CAG रिपोर्ट को तीन साल तक छुपाकर रखा। अब जब रिपोर्ट पेश की गई है, तो उनके घोटाले उजागर हो जाएंगे।”
CAG रिपोर्ट में DTC पर गंभीर खुलासे
CAG की एक अन्य रिपोर्ट में दिल्ली परिवहन निगम (DTC) को लेकर भी गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।

2015 से 2022 के बीच DTC का घाटा 60,750 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
धनराशि होने के बावजूद बसें नहीं खरीदी गईं।
इलेक्ट्रिक बसों के अनुबंध में देरी के कारण नुकसान बढ़ा।
महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा ने वित्तीय दबाव बढ़ाया।
बेहतर प्रबंधन न होने के कारण DTC को 14,199 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
2015-2022 के बीच सरकार ने 13,381 करोड़ रुपये का अनुदान दिया, लेकिन 818 करोड़ रुपये की कमी बनी रही।

विधानसभा में आगे क्या होगा?
दिल्ली विधानसभा में अगले कुछ दिनों में CAG की अन्य रिपोर्टों पर भी चर्चा हो सकती है। AAP जहां इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बता रही है, वहीं बीजेपी ने जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

अब देखना यह होगा कि इस घोटाले पर सरकार क्या जवाब देती है और क्या कोई जांच कमेटी गठित की जाएगी?

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