by-Ravindra Sikarwar
भोपाल: एक चौंकाने वाली घटना में, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा ड्यूटी के लिए एक जीर्ण-शीर्ण और “गंदी” ट्रेन आवंटित करने के आरोप में चार रेलवे अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। यह घटना रेलवे प्रशासन की घोर लापरवाही को उजागर करती है, जिसने देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों के लिए बुनियादी सुविधाओं का भी ध्यान नहीं रखा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना तब सामने आई जब बीएसएफ के जवानों को एक विशेष ट्रेन से जम्मू-कश्मीर ले जाया जा रहा था। जवानों को आवंटित कोच की हालत इतनी खराब थी कि उसे यात्रा के लिए अनुपयुक्त माना गया। कोच के भीतर गंदगी का अंबार था, सीटों की हालत खराब थी, और शौचालय भी अस्वच्छ थे। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कोच में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं थी और खिड़कियों के शीशे टूटे हुए थे।
बीएसएफ जवानों ने तुरंत इस स्थिति की शिकायत अपने वरिष्ठ अधिकारियों से की, जिन्होंने रेलवे प्रशासन से संपर्क किया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, रेलवे बोर्ड ने तत्काल जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि जवानों को आवंटित ट्रेन और उसके कोच की स्थिति संतोषजनक नहीं थी और यह रेलवे के निर्धारित मानकों का उल्लंघन था।
रेलवे मंत्रालय ने इस घटना को “अस्वीकार्य” करार दिया है और कहा है कि जवानों के आराम और सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना के बाद, चार रेलवे अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबित अधिकारियों में एक मंडल रेल प्रबंधक (DRM), एक वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता (Sr. DME), एक मंडल यांत्रिक अभियंता (DME) और एक सहायक मंडल यांत्रिक अभियंता (ADME) शामिल हैं। इन अधिकारियों पर कर्तव्य में लापरवाही और जवानों को उचित सुविधाएं प्रदान करने में विफल रहने का आरोप है।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में आगे की विस्तृत जांच जारी है और जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब देश भर में अमरनाथ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें हजारों तीर्थयात्री शामिल होते हैं और जिनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में बीएसएफ जैसे सुरक्षा बल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सुरक्षा बलों को ऐसी दयनीय परिस्थितियों में यात्रा करने के लिए मजबूर करना न केवल उनके मनोबल को प्रभावित करता है, बल्कि देश की सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठाता है।
विपक्षी दलों और सैन्य दिग्गजों ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह केवल एक रेलवे अधिकारी की गलती नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि हमारे सुरक्षा बलों के प्रति सरकार का रवैया क्या है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की गहन जांच की जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।
रेलवे मंत्रालय ने हालांकि इस घटना पर खेद व्यक्त किया है और कहा है कि वे बीएसएफ के जवानों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने यह भी वादा किया है कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए सख्त निगरानी प्रणाली लागू की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हमारे जवानों को यात्रा के दौरान सर्वोत्तम सुविधाएं मिलें।