by-Ravindra Sikarwar
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गलियारों में इस बात को लेकर अटकलें तेज हैं कि पार्टी को जल्द ही उसकी पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकती है। यह एक ऐतिहासिक कदम होगा, जो भाजपा की संगठनात्मक संरचना में एक बड़ा बदलाव लाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव डी. पुरंदेश्वरी और तमिलनाडु इकाई की नेता वनथी श्रीनिवासन को इस पद के लिए शीर्ष दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है।
क्यों हो रही है महिला अध्यक्ष की चर्चा?
भाजपा में महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष की संभावना कई कारणों से मजबूत हो रही है:
- महिला सशक्तिकरण का संदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रही है। लोकसभा और विधानसभाओं में महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को पारित कराना इसी दिशा में एक बड़ा कदम था। एक महिला को पार्टी का सर्वोच्च पद सौंपना इस संदेश को और पुख्ता करेगा।
- संगठनात्मक विस्तार: भाजपा लगातार अपने जनाधार का विस्तार कर रही है, खासकर उन राज्यों में जहां उसे अभी भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एक महिला अध्यक्ष की नियुक्ति से पार्टी को नए मतदाताओं, विशेषकर महिला मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बनाने में मदद मिल सकती है।
- नेतृत्व में विविधता: पार्टी के भीतर नेतृत्व में विविधता लाने की भी आवश्यकता महसूस की जा रही है। एक महिला अध्यक्ष की नियुक्ति से पार्टी की छवि अधिक समावेशी और प्रगतिशील बनेगी।
- 2029 के चुनावों पर नजर: 2029 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए, भाजपा अभी से अपनी रणनीतियों को धार दे रही है। एक मजबूत और प्रभावशाली महिला अध्यक्ष की नियुक्ति से पार्टी को चुनावी रणनीति में एक नया आयाम मिल सकता है।
शीर्ष दावेदार कौन?
इस प्रतिष्ठित पद के लिए जिन प्रमुख महिला नेताओं के नाम चर्चा में हैं, वे निम्नलिखित हैं:
- निर्मला सीतारमण: वर्तमान में केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में कार्यरत निर्मला सीतारमण भाजपा की एक कद्दावर नेता हैं। वह अपनी तेज तर्रार छवि, आर्थिक मामलों की गहरी समझ और प्रभावी संचार कौशल के लिए जानी जाती हैं। वह पहले भी पार्टी की प्रवक्ता और रक्षा मंत्री रह चुकी हैं। उनकी अनुभव और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है।
- डी. पुरंदेश्वरी: भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव डी. पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश से आती हैं। वह तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के संस्थापक एन.टी. रामाराव की बेटी हैं और पूर्व में कांग्रेस में भी रह चुकी हैं। उनका आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मजबूत प्रभाव है और वह दक्षिणी भारत में पार्टी के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण चेहरा हो सकती हैं। उनकी संगठनात्मक क्षमता और भाषाई विविधता भी उन्हें एक प्रबल दावेदार बनाती है।
- वनथी श्रीनिवासन: तमिलनाडु से आने वाली वनथी श्रीनिवासन भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह तमिलनाडु में पार्टी का एक प्रमुख चेहरा हैं और राज्य में भाजपा की स्थिति मजबूत करने में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं। उनका जमीनी स्तर पर काम करने का अनुभव और दक्षिणी राज्यों में पार्टी को मजबूत करने की क्षमता उन्हें एक महत्वपूर्ण दावेदार बनाती है, खासकर ऐसे समय में जब भाजपा दक्षिण में अपने पैर जमाना चाहती है।
चयन प्रक्रिया और भविष्य की चुनौतियां:
भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन एक विस्तृत प्रक्रिया के तहत होता है, जिसमें पार्टी के संसदीय बोर्ड और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से परामर्श शामिल होता है। यह पद वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल समाप्त होने या उनके इस्तीफे की स्थिति में भरा जाता है।
यदि भाजपा वास्तव में अपनी पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त करती है, तो यह पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण होगा। नई अध्यक्ष के सामने कई चुनौतियां होंगी, जिनमें 2029 के लोकसभा चुनाव, विभिन्न राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव, पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत करना और विभिन्न राज्यों में पार्टी के जनाधार का विस्तार करना शामिल है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा की केंद्रीय नेतृत्व किसे इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चुनता है और यह ऐतिहासिक निर्णय भारतीय राजनीति में क्या नए समीकरण बनाएगा।