
बिलासपुर: बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक (SSP) रजनेश सिंह ने कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में एक प्रधान आरक्षक और दो आरक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में प्रधान आरक्षक मुन्ना किन्डो और आरक्षक पुरुषोत्तम दास पंत व रजनीश लहरे शामिल हैं। यह सख्त कार्रवाई पुलिस हिरासत से एक कैदी के फरार होने के बाद की गई है, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
यह है पूरा मामला:
दरअसल, बिलासपुर केंद्रीय जेल में एनडीपीएस एक्ट के तहत बंद कैदी उत्तरा कुमार खुंटे को सांस लेने में तकलीफ होने के कारण 26 अप्रैल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी सुरक्षा के लिए प्रधान आरक्षक मुन्ना किन्डो और आरक्षक पुरुषोत्तम दास पंत व रजनीश लहरे को तैनात किया गया था।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 28 अप्रैल की सुबह आरोपी उत्तरा कुमार खुंटे आरक्षक रजनीश लहरे को चकमा देकर अपनी हथकड़ी खोलकर अस्पताल से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि उस समय आरक्षक रजनीश लहरे बाथरूम में थे। अस्पताल और आसपास के इलाकों में फरार कैदी की काफी तलाश की गई, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद प्रधान आरक्षक मुन्ना किन्डो की शिकायत पर पुलिस ने फरार आरोपी उत्तरा कुमार खुंटे के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 262 के तहत मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।
फरार कैदी को पकड़ने गए आरक्षक खुद वसूली करते पकड़ाए:
इस बीच, फरार कैदी को पकड़ने गए आरक्षक रजनीश लहरे खुद अवैध वसूली के एक मामले में फंस गए। जिला अस्पताल से आरोपी के फरार होने के बाद रजनीश लहरे उसे ढूंढने के लिए डभरा गए थे। सोमवार देर रात करीब 3 बजे रजनीश लहरे अपने दो साथियों के साथ डभरा-चंदरपुर मार्ग पर एक वाहन खड़ा कर स्वयं को डभरा थाना प्रभारी बताकर ट्रक ड्राइवरों से अवैध वसूली कर रहे थे। इसकी सूचना मिलने पर डभरा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंचकर रजनीश लहरे और वाहन मालिक को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उनका एक साथी मौके से फरार होने में सफल रहा। डभरा पुलिस ने आरक्षक रजनीश लहरे और वाहन मालिक के खिलाफ अवैध वसूली का मामला दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया है।
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कर्तव्य में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में प्रधान आरक्षक मुन्ना किन्डो और आरक्षक पुरुषोत्तम दास पंत व रजनीश लहरे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आगे भी दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने बिलासपुर पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।