
नवीनतम निर्देशित मिसाइल विध्वंसक ने अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया, नौसेना की ताकत में महत्वपूर्ण वृद्धि
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा देते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। नवीनतम स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित निर्देशित मिसाइल विध्वंसक, आईएनएस सूरत (INS Surat), ने हाल ही में समुद्र में एक लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदकर अपनी अचूक मारक क्षमता का प्रदर्शन किया है। यह उपलब्धि भारतीय नौसेना की युद्धक तैयारियों और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है।
आईएनएस सूरत, प्रोजेक्ट 15बी विध्वंसक कार्यक्रम के तहत निर्मित चार जहाजों में से चौथा है। इसका डिजाइन नौसेना के स्वदेशी डिजाइन ब्यूरो द्वारा तैयार किया गया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई में किया गया है। यह अत्याधुनिक युद्धपोत नवीनतम तकनीकों और हथियारों से लैस है, जो इसे विभिन्न प्रकार के समुद्री खतरों से निपटने में सक्षम बनाता है।
हाल ही में किए गए परीक्षण के दौरान, आईएनएस सूरत ने अपनी निर्देशित मिसाइल प्रणाली की सटीकता और प्रभावशीलता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। जहाज से दागी गई मिसाइल ने समुद्र में स्थित अपने लक्ष्य को अचूक निशाना बनाते हुए उसे ध्वस्त कर दिया। इस सफल परीक्षण ने न केवल आईएनएस सूरत की युद्धक क्षमताओं को प्रमाणित किया है, बल्कि भारतीय नौसेना की स्वदेशी हथियार प्रणालियों पर बढ़ते भरोसे को भी दर्शाया है।
इस सफलता के महत्व को रेखांकित करते हुए, नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आईएनएस सूरत का यह सफल लक्ष्य भेदन भारतीय नौसेना की लड़ाकू शक्ति में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है। उन्होंने स्वदेशी डिजाइन और निर्माण की क्षमता पर जोर देते हुए कहा कि यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
आईएनएस सूरत एक शक्तिशाली और बहुमुखी युद्धपोत है, जो लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, एंटी-शिप मिसाइलों और टॉरपीडो सहित उन्नत हथियारों और सेंसर से लैस है। यह इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, उन्नत संचार प्रणाली और एक शक्तिशाली प्रणोदन प्रणाली से भी युक्त है, जो इसे उच्च गति और गतिशीलता प्रदान करती है।
इस विध्वंसक का नाम गुजरात के एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र सूरत शहर के नाम पर रखा गया है, जो भारत के समुद्री इतिहास और व्यापारिक परंपराओं का प्रतीक है। आईएनएस सूरत का कमीशन भारतीय नौसेना के बेड़े को और मजबूत करेगा और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भारतीय नौसेना लगातार अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और अपने बेड़े को आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रही है। आईएनएस सूरत जैसी स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित युद्धपोतों का शामिल होना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी सहायक होगा।
आईएनएस सूरत की इस सफलता पर रक्षा विशेषज्ञों और रणनीतिकारों ने भी प्रसन्नता व्यक्त की है। उनका मानना है कि यह उपलब्धि भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह भारत की समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक सकारात्मक संकेत है।