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by-Ravindra Sikarwar

भुवनेश्वर, ओडिशा: राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत ओडिशा सतर्कता विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बैकुंठ नाथ सारंगी के ठिकानों पर की गई छापेमारी के दौरान एक चौंकाने वाला और नाटकीय दृश्य सामने आया, जब अधिकारी उनके भुवनेश्वर स्थित फ्लैट पर पहुंचे तो उन्होंने कथित तौर पर खिड़की से ₹500 के नोटों के बंडल नीचे फेंकने का प्रयास किया। इस छापेमारी में अब तक ₹2.1 करोड़ से अधिक की नकदी जब्त की जा चुकी है।

छापेमारी की शुरुआत और नाटकीय घटनाक्रम:
सतर्कता विभाग को मुख्य अभियंता बैकुंठ नाथ सारंगी के पास उनकी ज्ञात आय के स्रोतों से अधिक संपत्ति होने की शिकायतें मिली थीं। इन्हीं आरोपों के आधार पर, अंगुल के विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) द्वारा जारी तलाशी वारंट के साथ, विभाग की टीमों ने एक साथ सात अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी शुरू की। जैसे ही सतर्कता अधिकारी भुवनेश्वर में सारंगी के फ्लैट पर पहुंचे, उन्होंने देखा कि अंदर से नोटों के बंडल खिड़की से बाहर फेंके जा रहे थे, जो शायद सबूतों को नष्ट करने का एक हताश प्रयास था।

बरामदगी का विस्तृत ब्यौरा:
इस व्यापक छापेमारी अभियान के दौरान, सतर्कता विभाग ने सारंगी से जुड़े विभिन्न परिसरों से भारी मात्रा में नकदी बरामद की है। कुल जब्त की गई ₹2.1 करोड़ की राशि में से:

  1. ₹1 करोड़ भुवनेश्वर स्थित उनके फ्लैट से बरामद किए गए, जहां नोट फेंके जाने का प्रयास किया गया था।
  2. ₹1.1 करोड़ उनके अंगुल स्थित आवास से जब्त किए गए। अधिकारियों ने बरामद नकदी की सटीक गणना के लिए विशेष करेंसी गिनने वाली मशीनों का इस्तेमाल किया।

छापेमारी में शामिल टीमें और ठिकाने:
इस अभियान को अंजाम देने के लिए सतर्कता विभाग की आठ उप-अधीक्षक, 12 निरीक्षक और छह सहायक उप-निरीक्षकों की टीमों को लगाया गया था। इन टीमों ने सारंगी से संबंधित कई प्रमुख संपत्तियों पर तलाशी ली, जिनमें अंगुल के करडागाडिया में उनका दो मंजिला घर, भुवनेश्वर के दुमदुमा में एक फ्लैट और पुरी के पिपिली में सिउला स्थित एक अन्य फ्लैट शामिल हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ संदेश:
यह घटना ओडिशा में सरकारी अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस तरह की brazen (खुलेआम) कोशिशें न केवल अपराध की गंभीरता को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि कुछ भ्रष्ट अधिकारी किस हद तक जा सकते हैं। यह कार्रवाई जनता के बीच यह संदेश भी देती है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त रुख अपना रही है।

आगे की जांच:
सतर्कता विभाग ने पुष्टि की है कि जांच अभी भी जारी है और सारंगी से जुड़े अन्य संभावित बेनामी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन की गहन पड़ताल की जा रही है। इस मामले में आगे और भी खुलासे होने की उम्मीद है।

यह घटना एक बार फिर इस बात पर विचार करने को मजबूर करती है कि क्या सरकारी अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार को कम करने के लिए और अधिक सख्त निगरानी और जवाबदेही तंत्र की आवश्यकता है।

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