Spread the love

भोपाल: हाल ही में भोपाल में हुए एक दुखद सड़क हादसे के बाद, जिसमें एक स्कूल बस के ब्रेक फेल होने से एक महिला की जान चली गई, प्रदेश का प्रशासन हरकत में आ गया है। यात्रियों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, मध्य प्रदेश सरकार ने आज, 13 मई 2025 से पूरे प्रदेश में यात्री बसों, शैक्षणिक संस्थानों की बसों और स्कूल बसों की गहन जांच करने का निर्णय लिया है।

प्रदेशव्यापी विशेष अभियान:
यह विशेष जांच अभियान आज से पूरे मध्य प्रदेश में एक साथ शुरू हो गया है। इस अभियान में पुलिस विभाग और परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी संयुक्त रूप से शामिल होंगे। इस संबंध में सभी पुलिस अधीक्षकों और जिला परिवहन कार्यालयों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

जांच के मुख्य बिंदु:
इस व्यापक जांच अभियान में वाहनों की सुरक्षा और नियमों के अनुपालन से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। जांच के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • गति नियंत्रक: सभी वाहनों में केंद्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 118 के अनुसार वैध गति नियंत्रक (स्पीड गवर्नर) लगा होना अनिवार्य है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वाहन निर्धारित गति सीमा का पालन करें।
  • वीएलटीडी डिवाइस: सभी यात्री बसों में वैध व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) का लगा होना आवश्यक है। यह डिवाइस वाहनों की लोकेशन को ट्रैक करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है।
  • शैक्षणिक वाहनों में विशेष उपकरण: शैक्षणिक वाहनों (स्कूल बसें आदि) में AIS 140 मानक के अनुरूप व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD), कैमरे और पैनिक बटन अनिवार्य रूप से लगे होने चाहिए।
  • सेंट्रल सर्वर से इंटीग्रेशन और एक्सेस: शैक्षणिक वाहनों में लगे VLTD का परिवहन विभाग के सेंट्रल सर्वर से अनिवार्य रूप से इंटीग्रेशन होना चाहिए। इसके साथ ही, वाहन में परिवहन किए जा रहे विद्यार्थियों के अभिभावकों और संबंधित शैक्षणिक संस्थान को भी इसका एक्सेस प्रदान करना आवश्यक होगा, ताकि वे वाहन की स्थिति को ट्रैक कर सकें।
  • प्राथमिक उपचार पेटी: सभी वाहनों में अनिवार्य रूप से प्राथमिक उपचार पेटी (फर्स्ट-एड बॉक्स) उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि आपात स्थिति में यात्रियों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सके।
  • अग्निशमन यंत्र: एक अक्टूबर 2023 के बाद निर्मित शैक्षणिक वाहनों में केंद्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 125O के प्रावधानों के अनुसार AIS-135 अनुरूप FAPS (फायर अलार्म और प्रोटेक्शन सिस्टम) लगा होना चाहिए। शेष शैक्षणिक वाहनों में वाहन के आकार और क्षमता के अनुसार उचित मात्रा का अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
  • काले कांच और पर्दे पर प्रतिबंध: वाहनों की खिड़कियों पर किसी भी प्रकार के काले कांच या पर्दे नहीं लगे होने चाहिए। वाहन के अंदर की गतिविधि हमेशा वाहन के बाहर से स्पष्ट रूप से दिखाई देनी चाहिए, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  • वैध दस्तावेज: प्रत्येक वाहन के साथ वैध बीमा प्रमाण-पत्र, फिटनेस प्रमाण-पत्र और परमिट होना अनिवार्य है। यदि फिटनेस प्रमाण-पत्र होने के बावजूद कोई वाहन अनफिट पाया जाता है, तो फिटनेस जारी करने वाले अधिकारी/एटीएस के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
  • चालक और परिचालक का लाइसेंस: वाहन चलाने वाले चालक और परिचालक दोनों के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।
  • कर और चालान की जानकारी: बस के सभी प्रकार के कर (टैक्स) पूर्ण रूप से जमा होने चाहिए। इसके अतिरिक्त, बस के विरुद्ध पूर्व में जारी किए गए चालानों की जानकारी भी आवश्यक रूप से ली जाएगी।
  • ओवरलोडिंग पर सख्ती: बसों में किसी भी प्रकार की ओवरलोडिंग, यानी परमिट से अधिक यात्रियों को बैठाना सख्त रूप से प्रतिबंधित है।
  • माल परिवहन पर रोक: यात्री बसों द्वारा माल ले जाने की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए इसकी सघन चेकिंग की जाएगी। निर्धारित मात्रा से अधिक माल का परिवहन यात्री बसों द्वारा नहीं किया जाना चाहिए।

दोषी चालकों पर कड़ी कार्रवाई:
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले दोषी वाहन चालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने और भविष्य में भोपाल जैसे दुखद हादसों को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।

नागरिकों से सहयोग की अपील:
प्रशासन ने नागरिकों से भी इस अभियान में सहयोग करने की अपील की है। यदि किसी को भी नियमों का उल्लंघन करते हुए कोई वाहन दिखाई देता है, तो वे इसकी सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।

यह व्यापक जांच अभियान मध्य प्रदेश की सड़कों पर यात्री और छात्रों की सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रशासन की सख्ती और नागरिकों के सहयोग से उम्मीद है कि भविष्य में इस प्रकार के दुर्भाग्यपूर्ण हादसों को टाला जा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp