
भोपाल में लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हुजूर तहसील में पदस्थ पटवारी सुप्रिया जैन को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। सुप्रिया जैन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी आधिकारिक ड्यूटी का निर्वहन करने, यानी जमीन का सीमांकन करने के एवज में एक किसान से रिश्वत की मांग की थी और उसे वसूलते हुए पकड़ी गईं। इस घटना ने सरकारी महकमे में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
किसान की शिकायत पर लोकायुक्त का त्वरित एक्शन:
पीड़ित किसान मोहम्मद असलम ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक दुर्गेश कुमार राठौर से संपर्क कर पटवारी सुप्रिया जैन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। असलम ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी जमीन के सीमांकन के लिए सुप्रिया जैन ने प्रति एकड़ 2 हजार रुपये की दर से कुल 36 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने तत्काल जांच शुरू कर दी।
शिकायत की पुष्टि और जाल बिछाया गया:
लोकायुक्त की टीम ने किसान असलम द्वारा दी गई जानकारी की प्रारंभिक जांच की, जिसमें शिकायत सही पाई गई। इसके बाद, भ्रष्ट पटवारी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक सुनियोजित जाल बिछाया गया। योजना के तहत, किसान असलम को रिश्वत की पहली किस्त के साथ पटवारी से मिलने के लिए कहा गया।
पटवारी फ्लैट की पार्किंग में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार:
14 मई 2025 को, पटवारी सुप्रिया जैन ने किसान असलम को लालघाटी स्थित हिमांशु टावर में अपने आवास की पार्किंग में बुलाया। जैसे ही किसान असलम ने सुप्रिया जैन को रिश्वत के तौर पर 10 हजार रुपये दिए, पहले से ही घात लगाए बैठी लोकायुक्त पुलिस की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सुप्रिया जैन को रंगे हाथों पकड़ लिया। इस दौरान, सोसायटी के अन्य निवासी भी मौके पर जमा हो गए, जिनके सामने पकड़ी गईं पटवारी शर्म से नजरें भी नहीं उठा पा रही थीं।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज:
लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी सुप्रिया जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है। इस धारा के तहत, यदि कोई लोक सेवक रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाता है और दोषी पाया जाता है, तो उसे कठोर कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है।
लोकायुक्त एसपी का बयान:
लोकायुक्त एसपी दुर्गेश कुमार राठौर ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि शिकायत मिलते ही उनकी टीम ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लोकायुक्त पुलिस भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेगी और किसी भी भ्रष्ट लोक सेवक को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आम जनता से अपील की कि यदि उनके पास भ्रष्टाचार से संबंधित कोई भी जानकारी हो, तो वे बिना किसी डर के लोकायुक्त को सूचित करें, ताकि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश:
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि लोकायुक्त पुलिस मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। एक महिला लोक सेवक का इस तरह रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाना न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह उन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक कड़ा संदेश भी है जो अपनी आधिकारिक शक्तियों का दुरुपयोग करके अवैध रूप से धन उगाही करते हैं। यह कार्रवाई आम जनता के बीच विश्वास बहाली में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एजेंसियां सक्रिय हैं।