
भोपाल: भोपाल की आधार रियल्टी फर्म और उसके संचालकों पर गंभीर आरोप लगे हैं। फर्म ने नगर निगम के पास बंधक रखी गई जमीन पर बने फ्लैटों को बिना अनुमति के बेच दिया। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) भोपाल ने जांच की और फर्म के संचालकों सहित खरीदार के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है।
ईओडब्ल्यू भोपाल में आशीष श्रीवास्तव नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि आधार रियल्टी फर्म ने अपनी आवासीय परियोजना ‘आधार सिम्फनी’ में नगर निगम के लिए सुरक्षित रखे गए फ्लैटों को नियमों का उल्लंघन करते हुए बेच दिया है। इस फर्म का गठन 2011 में दिलीप बचानी, हर्षिता बचानी और आशीष श्रीवास्तव ने मिलकर किया था।
परियोजना के लिए स्वीकृत विकास अनुमति में यह स्पष्ट शर्त थी कि कुल फ्लैटों का 25 प्रतिशत हिस्सा नगर निगम के पक्ष में बंधक रखा जाएगा। यह शर्त इसलिए रखी गई थी ताकि भविष्य में कॉलोनी के विकास और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी) तथा अन्य निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए फ्लैटों का निर्माण सुनिश्चित किया जा सके।
बंधक पत्र, जिसकी तारीख 25 जनवरी 2014 थी, के तहत कुल 47 फ्लैट (जिनका क्षेत्रफल 4282.10 वर्ग मीटर था) विधिवत रूप से नगर निगम के पक्ष में बंधक किए गए थे। बाद में, 24 अक्टूबर 2017 को एक संशोधित बंधक डीड निष्पादित की गई, जिसमें कुछ फ्लैटों में परिवर्तन किया गया, लेकिन कुल 45 फ्लैटों को बंधक बनाए रखा गया।
फर्म ने परियोजना के पहले चरण में 115 फ्लैटों का निर्माण कर उन्हें बेच दिया, जबकि शेष भूमि (लगभग 1 एकड़) दूसरे चरण के विकास के लिए सुरक्षित रखी गई थी। इस सुरक्षित भूमि में वे बंधक फ्लैट भी प्रस्तावित थे। चौंकाने वाली बात यह है कि इन बंधक फ्लैटों को नगर निगम की पूर्व अनुमति के बिना 10 नवंबर 2022 को प्रिया हरपलानी नामक व्यक्ति को बेच दिया गया।
विक्रय पत्र में यह गलत जानकारी दी गई कि संपत्ति किसी भी प्रकार के बंधक से मुक्त है, जबकि वास्तविकता यह थी कि जमीन पहले से ही नगर निगम के पक्ष में बंधक थी। जांच में यह भी सामने आया कि खरीदार प्रिया हरपलानी को भूमि की बंधक स्थिति की पूरी जानकारी थी, इसके बावजूद उन्होंने यह सौदा किया। ईओडब्ल्यू का मानना है कि इससे स्पष्ट होता है कि दोनों पक्षों (आधार रियल्टी और प्रिया हरपलानी) ने मिलकर जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया है।
इतना ही नहीं, परियोजना में गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए जो फ्लैट बनाए जाने थे, उनका भी निर्माण नहीं किया गया। सभी फ्लैटों को सामान्य बाजार दर पर बेच दिया गया, जिससे शासन की सामाजिक न्याय और गरीबों के लिए आवासीय सुविधा प्रदान करने की नीति प्रभावित हुई है।
भोपाल नगर निगम से प्राप्त जानकारी में भी यह स्पष्ट किया गया है कि फर्म ने बंधक भूमि को बेचने के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी। इस प्रकार, बिना अनुमति के बंधक संपत्ति को बेचकर नगर निगम और शासन के अधिकारों को नुकसान पहुंचाया गया।
ईओडब्ल्यू ने इस पूरी जांच के आधार पर आधार रियल्टी के संचालक दिलीप बचानी, हर्षिता बचानी और खरीदार प्रिया हरपलानी के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है। मामले की आगे की जांच जारी है।