
जम्मू-कश्मीर: पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ अपना शिकंजा और कस दिया है। इसी कड़ी में आज, शुक्रवार 25 अप्रैल 2025 को बांदीपोरा में भारतीय सेना को एक बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक बड़े कमांडर अल्ताफ लल्ली को मार गिराया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बांदीपोरा में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिलने के बाद सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से तलाशी अभियान शुरू किया था। जैसे ही सुरक्षा बलों ने संदिग्ध ठिकाने को घेरा, आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अल्ताफ लल्ली मारा गया। प्रारंभिक खबरों में एक अन्य आतंकी के घायल होने की भी सूचना है, जबकि इस दौरान दो सुरक्षाकर्मियों को भी मामूली चोटें आई हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF) ने ली थी। बुधवार को हुए इस हमले में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों को गोलियों का निशाना बनाया था, जिससे पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई थी।
इस आतंकी हमले के बाद से ही घाटी में भारतीय सेना ने आतंकवादियों के सफाए के लिए व्यापक अभियान छेड़ रखा है। बांदीपोरा में हुई यह मुठभेड़ पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच चौथी बड़ी मुठभेड़ है। इससे पहले, गुरुवार को उधमपुर में भी आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसमें देश ने अपना एक वीर जवान खो दिया था।
बांदीपोरा पुलिस ने आतंकवादियों पर नकेल कसते हुए बीते दिन, गुरुवार को लश्कर-ए-तैयबा के चार मददगारों (Over Ground Workers – OGW) को भी गिरफ्तार किया था। पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि ये मददगार सुरक्षा बलों और घाटी में बाहर से आए लोगों पर हमले की साजिश रच रहे थे। इस सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया और इन चारों को धर दबोचा।
आज की इस बड़ी सफलता से सुरक्षा बलों का मनोबल और ऊंचा हुआ है और यह घाटी में सक्रिय अन्य आतंकवादियों के लिए एक कड़ा संदेश है। सुरक्षा बल पूरी तरह से मुस्तैद हैं और आतंकवाद के खतरे को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इलाके में अभी भी तलाशी अभियान जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और आतंकवादी छिपा हुआ न हो। इस मुठभेड़ को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।