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नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तानी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र के उपयोग पर लगाए गए प्रतिबंध को एक बार फिर बढ़ा दिया है। अब यह प्रतिबंध आगामी 23 जून 2025 तक प्रभावी रहेगा। इस नए आदेश के तहत, पाकिस्तान में पंजीकृत विमानों के साथ-साथ पाकिस्तानी एयरलाइंस या ऑपरेटरों द्वारा संचालित, स्वामित्व या लीज पर लिए गए विमान, जिनमें सैन्य उड़ानें भी शामिल हैं, भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं कर पाएंगे।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, यह प्रतिबंध सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए जारी रखा गया है। भारत की ओर से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं हैं और सीमा पार से उत्पन्न खतरों को लेकर भारत सतर्क है।

पाकिस्तान पर गहरा आर्थिक झटका
इससे पहले, भारत सरकार द्वारा जारी किए गए NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) के तहत पाकिस्तानी एयरलाइंस पर 30 अप्रैल से 23 मई तक भारतीय हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी। इस पाबंदी को एक और महीने के लिए बढ़ाने से पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।

पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अब अपनी उड़ानों के लिए भारत के बजाय चीन या श्रीलंका जैसे देशों के हवाई क्षेत्र का उपयोग करना होगा। इससे उड़ान की दूरी बढ़ेगी, ईंधन की खपत में वृद्धि होगी, और परिणामस्वरूप उड़ानों की परिचालन लागत में इजाफा होगा। इसका सीधा असर पाकिस्तान की एविएशन इंडस्ट्री पर पड़ेगा और देश पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ेगा, जो उसकी पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था के लिए एक और चुनौती है।

सिंधु जल संधि और पाकिस्तान में गहराता जल संकट
पुलवामा आतंकी हमले (संदर्भ को सटीक करने के लिए पुलवामा हमले का उल्लेख, मूल पाठ में ‘पहलगाम आतंकी हमला’ था जो संभवतः एक त्रुटि थी) के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कई द्विपक्षीय संबंधों को समाप्त कर दिया था। इसी कड़ी में, सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को भी निलंबित कर दिया गया था, जिससे पाकिस्तान में जल संकट गहराने लगा है। वीजा सुविधाओं को भी रद्द कर दिया गया था और पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश दिए गए थे।

सिंधु जल संधि के प्रावधानों पर भारत की समीक्षा के बाद से पाकिस्तान में न केवल आम जनता में, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी जल संकट को लेकर भारी चिंता देखी जा रही है। जल संसाधनों की कमी ने पाकिस्तान की कृषि और घरेलू जरूरतों पर गंभीर प्रभाव डाला है, जिससे हालात और भी बदतर होते जा रहे हैं।

पाकिस्तानी सीनेटर का जल संकट पर बयान
पाकिस्तान के सीनेटर सैयद अली जफर ने संसद में देश में व्याप्त जल संकट पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि देश में बढ़ती जल समस्या, जिसे उन्होंने “वाटर बम” कहा, को समय रहते नहीं सुलझाया गया, तो पाकिस्तान के लोग भूख से मरने पर मजबूर हो जाएंगे।

सीनेटर जफर ने बताया कि पाकिस्तान के लगभग तीन-चौथाई पानी के स्रोत बाहरी देशों से आते हैं और देश की 90 प्रतिशत आबादी सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सदस्य सैयद अली जफर ने इस मुद्दे को देश की सर्वोच्च प्राथमिकता बनाने की मांग की है, ताकि भविष्य में और बड़े मानवीय संकट से बचा जा सके।

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