by-Ravindra Sikarwar
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार (19 अगस्त, 2025) को एक विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य ऑनलाइन रियल मनी गेम्स (RMGs) पर प्रभावी ढंग से प्रतिबंध लगाना है। यह एक बहु-अरब डॉलर का उद्योग है जिसमें ड्रीम11 जैसे फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म और पोकरबाज़ी जैसे कार्ड गेम ऐप्स शामिल हैं। सरकार का यह कदम ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है और इसने देश भर में एक नई बहस छेड़ दी है।
विधेयक के मुख्य प्रावधान:
यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया में ‘कौशल के खेल’ (Games of Skill) और ‘भाग्य के खेल’ (Games of Chance) के बीच की अस्पष्ट रेखा को समाप्त करने का प्रयास करता है। विधेयक का मुख्य उद्देश्य उन सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर रोक लगाना है जो पैसे या किसी अन्य मूल्यवान वस्तु के बदले गेम खेलने की अनुमति देते हैं। सरकार का तर्क है कि इस तरह के गेम्स वित्तीय जोखिम और लत का कारण बन रहे हैं, जिससे समाज के एक बड़े वर्ग, विशेषकर युवाओं को नुकसान हो रहा है।
प्रभावित उद्योग और कंपनियां:
इस प्रतिबंध का सबसे गहरा असर भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर पड़ेगा। ड्रीम11, जो कि करोड़ों उपयोगकर्ताओं के साथ भारत का सबसे बड़ा फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म है, सीधे तौर पर प्रभावित होगा। इसी तरह, पोकर और रम्मी जैसे कार्ड गेम खेलने वाले ऐप्स भी इस विधेयक के दायरे में आ जाएंगे। इन कंपनियों ने हमेशा यह दावा किया है कि उनके प्लेटफॉर्म ‘कौशल’ पर आधारित हैं, लेकिन सरकार ने अब इस तर्क को अस्वीकार कर दिया है।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया और आगे की राह:
इस फैसले पर ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह विधेयक वैध व्यवसायों को नुकसान पहुंचाएगा और लाखों लोगों की नौकरियों पर खतरा पैदा करेगा। उनका मानना है कि सरकार को पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बजाय इन प्लेटफॉर्मों को विनियमित करना चाहिए था।
अब यह विधेयक संसद में पेश किया जाएगा। यदि यह कानून बन जाता है, तो यह भारत के डिजिटल परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव लाएगा और ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के भविष्य को अनिश्चित बना देगा।