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ग्वालियर: ग्वालियर जिले में आयोजित एक पुस्तक मेला विवादों में आ गया है, जिसमें दो स्कूलों के प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि इन स्कूलों ने जानबूझकर निजी प्रकाशकों की किताबें उपलब्ध नहीं कराईं। शिक्षा विभाग ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया कि इन स्कूलों ने उनके द्वारा चलाए जा रहे निजी प्रकाशकों की पुस्तकों की सूची भी नहीं दी और न ही पुस्तकें मेले में उपलब्ध कराईं।

यह घटना ग्वालियर में आयोजित एक पुस्तक मेले के दौरान सामने आई, जो जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया था। इस मेले में एमिटी इंटरनेशनल स्कूल (महाराजपुरा थाना) और अमर पब्लिक स्कूल (थाटीपुर थाना) के प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। शिक्षा विभाग के अनुसार, इन स्कूलों द्वारा निजी प्रकाशकों की किताबों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और जब नोटिस जारी किया गया तो उन्होंने संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया।

शिक्षा विभाग की कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस मामले में कार्रवाई की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि स्कूलों ने अपने पुस्तक मेले में निजी प्रकाशकों की किताबें न प्रस्तुत कर नियमों का उल्लंघन किया। इसके अलावा, कलेक्टर रुचिका चौहान ने भी इस मुद्दे पर निरीक्षण किया और चेतावनी दी कि अगर भविष्य में दुकानदार समय पर दुकानें नहीं खोलते हैं या कीमतें अधिक वसूलने की कोशिश करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जबलपुर मॉडल की तरह ग्वालियर में सुधार की उम्मीद
ग्वालियर में इस पुस्तक मेले का आयोजन जबलपुर के पुस्तक मेला मॉडल पर किया गया था। पिछले साल जबलपुर में आयोजित पुस्तक मेला अभिभावकों के लिए फायदेमंद रहा, क्योंकि वहां उन्हें किताबें और स्टेशनरी आधे दामों में मिल रही थीं। इसी पैटर्न को अपनाकर ग्वालियर में भी अगली बार मेला आयोजित करने की योजना है, जिससे अभिभावकों को भी लाभ मिले।

शिक्षा अधिकारी अजय कटियार ने बताया कि ग्वालियर के स्कूलों ने अब कक्षा 1 से 12वीं तक एनसीईआरटी की किताबों को प्राथमिकता देने का वादा किया है, जो बहुत ही सस्ती होती हैं। उम्मीद है कि अगले पुस्तक मेले में अभिभावकों को अधिक राहत मिल सकेगी।

पुस्तक मेले में दुकानदारों पर कड़ी नजर
कलेक्टर ने पुस्तक मेला का निरीक्षण करते हुए वेंडरों को चेतावनी दी कि वे अपनी दुकानें समय पर खोलें और डिस्काउंट की सूची भी प्रदर्शित करें। साथ ही यह भी निर्देशित किया कि अगर किसी दुकान पर छुपकर अधिक कीमतों पर सामान बेचा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आगे चलकर, जिन स्कूलों को नोटिस जारी किए गए थे, उनकी प्रतिक्रिया पर विचार किया जाएगा। अगर उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष
ग्वालियर में पुस्तक मेला विवाद के कारण स्कूलों के प्रिंसिपल्स पर एफआईआर दर्ज की गई है। अब जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं, और उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में पुस्तक मेले के दौरान नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा और अभिभावकों को अधिक लाभ मिलेगा।

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