by-Ravindra Sikarwar
आईआईटी-खड़गपुर में इस साल जनवरी से लेकर अब तक छात्रावास में यह चौथे छात्र की मौत का मामला सामने आया है। मृतक छात्र के परिवार ने इस मौत का कारण रैगिंग बताया है, जिससे संस्थान के भीतर रैगिंग के मुद्दे पर गंभीर चिंताएं और कार्रवाई की मांगें उठने लगी हैं।
यह हालिया घटना, पिछली तीन मौतों के साथ मिलकर, आईआईटी-खड़गपुर में छात्रों की सुरक्षा और कल्याण को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। छात्र के परिवार द्वारा लगाए गए रैगिंग के आरोपों ने इस मामले को और भी संवेदनशील बना दिया है।
यह इस साल संस्थान में ऐसी पहली घटना नहीं है, क्योंकि जनवरी से अब तक तीन अन्य छात्र भी छात्रावासों में अपनी जान गंवा चुके हैं। इन लगातार हो रही मौतों ने संस्थान की आवासीय सुविधाओं के भीतर छात्रों की सुरक्षा और भलाई पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाए हैं, और मामले की गहन जांच की मांग को तेज कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन से परिवारों द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।
यह स्थिति रैगिंग से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है, जिसमें न केवल शैक्षणिक संस्थान बल्कि छात्र, माता-पिता और व्यापक समुदाय भी शामिल हों। सभी के लिए एक सुरक्षित और अनुकूल सीखने का माहौल सुनिश्चित करने के लिए बढ़ी हुई जागरूकता, सख्त एंटी-रैगिंग नीतियां और छात्रों के लिए मजबूत सहायता प्रणाली महत्वपूर्ण हैं।