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अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आदिम जाति सहकारी समिति, जमडी में एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। हाल ही में हुई जांच में समिति में 23 करोड़ रुपये की भारी गड़बड़ी पाई गई है। इस खुलासे के बाद, जिला प्रशासन ने सहकारी बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सहित 7 कर्मचारियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

यह मामला शंकरगढ़ और कुसमी सहकारी बैंकों से संबंधित है, जहां वर्ष 2012 से 2022 के बीच ऑडिट रिपोर्ट में करोड़ों रुपये की अनियमितताएं सामने आई थीं। प्रशासन द्वारा गठित एक विशेष जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में केवल चार बैंकों में ही 23 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का खुलासा किया है। जांच में यह भी पाया गया कि निजी व्यावसायिक संस्थानों के खातों का भी इस गड़बड़ी में इस्तेमाल किया गया था और बिना किसी वैध वाउचर या दस्तावेज के करोड़ों रुपये निकाले गए। इस पूरे मामले का खुलासा वर्ष 2024 की ऑडिट रिपोर्ट के माध्यम से हुआ।

मामले की गंभीरता को देखते हुए, सरगुजा के कलेक्टर और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकृत अधिकारी विलास भास्कर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के CEO सहित 7 संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।

राज्य सहकारी बैंक बरमकेला में भी 10 करोड़ का गबन:
इसी तरह का एक और मामला राज्य सहकारी बैंक, बरमकेला में सामने आया है, जहां लगभग 10 करोड़ रुपये के गबन का पता चला है। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद बरमकेला पुलिस ने शाखा प्रबंधक सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में रिपोर्टकर्ता, राधास्वामी नगर रायपुर निवासी अरविंद शुक्ला, जो छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित शाखा बरमकेला में शाखा प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं, ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित मुख्यालय नवा रायपुर के आदेशानुसार बरमकेला शाखा में हुए गबन के संबंध में एक जांच दल का गठन किया गया था। इस दल ने अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 के मध्य बैंक के लेनदेन की गहन जांच की, जिसके बाद यह गबन सामने आया।

अंबिकापुर और बरमकेला में सहकारी समितियों में करोड़ों रुपये के इन घोटालों के उजागर होने से राज्य के सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग अब इन मामलों में आगे की कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में हैं, ताकि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।

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