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by-Ravindra Sikarwar

जम्मू-कश्मीर में बाबा अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा, जिसे अमरनाथ यात्रा के नाम से जाना जाता है, आज 2 जुलाई, 2025 से शुरू हो गई है। पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पवित्र गुफा के दर्शन के लिए रवाना किया गया। यह यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, जो भगवान शिव के स्वयंभू हिमलिंग के दर्शन के लिए दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरते हैं।

यात्रा का महत्व और मार्ग:
अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखती है। यह पवित्र गुफा दक्षिणी कश्मीर हिमालय में 3,888 मीटर (लगभग 12,756 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। इस यात्रा के लिए दो मुख्य मार्ग हैं:

  1. पहलगाम मार्ग: यह पारंपरिक और लंबा मार्ग है, जिसकी दूरी लगभग 48 किलोमीटर है। इसमें लगभग 3-5 दिन लगते हैं और यह चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी जैसे सुंदर लेकिन चुनौतीपूर्ण पड़ावों से होकर गुजरता है।
  2. बालटाल मार्ग: यह छोटा और अपेक्षाकृत खड़ी चढ़ाई वाला मार्ग है, जिसकी दूरी लगभग 14 किलोमीटर है। इस मार्ग से यात्रा एक ही दिन में पूरी की जा सकती है, लेकिन यह अधिक कठिन और सीधी चढ़ाई वाला होता है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम:
इस वर्ष, यात्रा को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा उपाय किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मिलकर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। इन इंतजामों में शामिल हैं:

  • बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा: यात्रा मार्गों, आधार शिविरों और पवित्र गुफा के आसपास के क्षेत्रों में सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के हजारों जवानों को तैनात किया गया है।
  • ड्रोन निगरानी: संवेदनशील क्षेत्रों और पूरे मार्ग पर ड्रोन का उपयोग करके हवाई निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
  • RFID टैग: प्रत्येक तीर्थयात्री को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग जारी किए गए हैं। इससे उनकी वास्तविक समय में लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी, जिससे किसी भी आपात स्थिति में मदद पहुंचाना आसान होगा।
  • सीसीटीवी कैमरे: पूरे यात्रा मार्ग पर बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
  • मोबाइल बंकर और स्नाइपर्स: प्रमुख स्थानों पर मोबाइल बंकर और स्नाइपर तैनात किए गए हैं।
  • स्वास्थ्य सुविधाएं: यात्रा मार्ग पर कई स्थानों पर अस्थायी अस्पताल, प्राथमिक उपचार केंद्र और ऑक्सीजन बूथ स्थापित किए गए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों और एम्बुलेंस की टीमें भी 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी।
  • मौसम की निगरानी: मौसम विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है ताकि खराब मौसम की स्थिति में तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रखा जा सके।

चुनौतियां और प्रशासन की तैयारी:
यह यात्रा हमेशा से ही प्राकृतिक चुनौतियों (जैसे खराब मौसम, भूस्खलन) और आतंकी खतरों से घिरी रही है। हालांकि, प्रशासन ने इन दोनों मोर्चों पर व्यापक तैयारी की है:

  • भूस्खलन और बर्फबारी प्रबंधन: इंजीनियरों की टीमें यात्रा मार्ग पर संभावित भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों की निगरानी कर रही हैं और अवरोधों को तुरंत हटाने के लिए उपकरण तैयार रखे गए हैं।
  • आतंकवाद विरोधी रणनीति: सुरक्षा एजेंसियां ​​लगातार खुफिया जानकारी साझा कर रही हैं और किसी भी संभावित आतंकी खतरे को बेअसर करने के लिए सक्रिय हैं। विशेष रूप से, हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा को और पुख्ता किया गया है, जिसकी क्वाड नेताओं ने भी निंदा की है।

अमरनाथ यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां ​​यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि यह यात्रा इस वर्ष भी सुरक्षित और सफल रहे, जिससे देश भर से आए श्रद्धालुओं को बिना किसी बाधा के पवित्र दर्शन प्राप्त हो सकें।

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