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नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना की शानदार सफलता ने पाकिस्तान की कायराना हरकतों को जमीन, हवा और समुद्र में विफल कर दिया। इस ऑपरेशन के दौरान, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करके दुश्मन को हर मोर्चे पर करारा जवाब दिया। इस असाधारण विजय के पीछे भारतीय सेना के उन वीर सपूतों का नेतृत्व और अदम्य साहस था, जिन्होंने अपनी बहादुरी से पाकिस्तान को हर तरफ से घेरकर उसके नापाक मंसूबों को धूल में मिला दिया। इन वीर योद्धाओं की जीत ने न केवल भारत माता का गौरव बढ़ाया, बल्कि पाकिस्तान के दुर्भावनापूर्ण इरादों को भी पूरी तरह से समाप्त कर दिया।

आइए, हम आपको उस महत्वपूर्ण वीर सपूत, एयर मार्शल एके भारती, के बारे में बताते हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के नापाक इरादों को नाकाम करने में एक निर्णायक भूमिका निभाई।

कौन हैं एयर मार्शल एके भारती?
एयर मार्शल ए.के. भारती भारतीय वायुसेना में महानिदेशक (संचालन) के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें जून 1987 में फ्लाइंग ब्रांच में कमीशन मिला था और अक्टूबर 2024 में उन्होंने डीजी एयर ऑपरेशन का पदभार संभाला। अपनी 20 वर्षों की विशिष्ट सेवा के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। वे एक कुशल फाइटर कॉम्बेट लीडर और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के स्नातक हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सुखोई-30एमकेआई स्क्वाड्रन के फ्लाइट कमांडर के रूप में भी सेवा दी है और एयर मुख्यालय में एयर डिफेंस ऑपरेशन्स के संयुक्त निदेशक के रूप में भी कार्य किया है। उन्हें ‘थ्री स्टार’ सम्मान से नवाजा गया है, जो दुर्घटना रहित उड़ान के लिए दिया जाता है।

16 अगस्त 2005 को, तत्कालीन विंग कमांडर भारती को सुखोई-30 एमकेआई स्क्वाड्रन का कमांडिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया। इस अत्याधुनिक तकनीक से लैस विमान को क्रियाशील बनाने और इसकी हथियार प्रणालियों के लिए रणनीतियाँ विकसित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी। अपनी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और नवीन दृष्टिकोण के कारण, उन्होंने कम समय में इन प्रणालियों को सक्रिय किया और सफलतापूर्वक ‘एयर डॉमिनेंस फोर्स’ की अवधारणा को साकार किया। उनके नेतृत्व में, स्क्वाड्रन ने एक्सरसाइज इंद्रधनुष और एक्सरसाइज गरुड़ जैसे महत्वपूर्ण अभ्यासों में भाग लिया, जहाँ उन्होंने भारतीय वायुसेना की अद्वितीय क्षमता का प्रदर्शन किया। नवंबर 2006 में स्क्वाड्रन का निरीक्षण किया गया और इसे ‘एबव एवरेज’ और ‘एक्सेप्शनल’ के रूप में मूल्यांकित किया गया। उनकी असाधारण सेवा और अटूट समर्पण के लिए राष्ट्रपति ने उन्हें ‘वायु सेना मेडल’ से सम्मानित किया है। विंग कमांडर के रूप में भारती का समर्पण और नेतृत्व भारतीय वायुसेना के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर पर एयर मार्शल एके भारती का बयान
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बारे में बात करते हुए, एयर मार्शल एके भारती ने स्पष्ट रूप से कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य दुश्मन के ठिकानों पर प्रभावी हमला करना था, न कि हताहतों की संख्या गिनना। यह काम पाकिस्तान का है। हमने जो प्रभावी साधन और रणनीतियाँ अपनाईं, उन्होंने दुश्मन को भारी नुकसान पहुँचाया।” उनके इस दृढ़ बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय वायुसेना ने अपनी सुविचारित रणनीति और अद्वितीय कौशल से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

एयर मार्शल एके भारती ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “हम एक युद्ध जैसी स्थिति में थे, और नुकसान युद्ध का एक अपरिहार्य हिस्सा है। महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या हमने आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने का अपना प्राथमिक लक्ष्य प्राप्त किया? इसका उत्तर है, निश्चित रूप से हाँ।” उन्होंने आगे कहा, “मैं केवल इतना ही कह सकता हूँ कि हमने अपने सभी निर्धारित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया है, और हमारे सभी वीर पायलट सुरक्षित रूप से अपने घरों को लौट आए हैं।”

विदेशी मीडिया में भारतीय लड़ाकू विमानों को हुए नुकसान की खबरों पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए, एयर मार्शल एके भारती ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मीडिया से बातचीत में स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय वायुसेना ने अपने सभी सौंपे गए लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम एक युद्ध की स्थिति में हैं, और नुकसान युद्ध का हिस्सा होता है। असली सवाल यह है कि क्या हमने आतंकवादी शिविरों को ध्वस्त करने का अपना उद्देश्य पूरा किया? और इसका जवाब है… हाँ।” जब उनसे विदेशी मीडिया में भारतीय लड़ाकू विमानों को हुए कथित नुकसान के बारे में फिर से पूछा गया, तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया, “मैं बस इतना कह सकता हूँ कि हमारे सभी पायलट सुरक्षित वापस आ गए हैं, और हमने अपने सभी उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया है।”

“भय बिन होय न प्रीत”
एयर मार्शल भारती ने अपनी बात को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रामचरित मानस की एक प्रसिद्ध चौपाई का उल्लेख किया: “विनय न माने जलधि जड़, गए तीन दिन बीत। बोले राम सकोप तब, भय बिन होय न प्रीत।।” इस चौपाई के माध्यम से एयर मार्शल भारती ने यह महत्वपूर्ण संदेश दिया कि जब विनम्रता और शांतिपूर्ण प्रयास निष्फल हो जाते हैं, तो शक्ति का प्रदर्शन अत्यंत आवश्यक हो जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट रूप से पुष्टि की कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो ड्रोन गिराए गए थे, वे तुर्किये में निर्मित थे, और भारतीय वायुसेना ने पूरी तरह से नियंत्रण और दक्षता के साथ उन्हें मार गिराया।

एयर मार्शल एके भारती का यह स्पष्ट और दृढ़ बयान, जिसमें उन्होंने न केवल ऑपरेशन की सफलता की जानकारी दी बल्कि एक महत्वपूर्ण नैतिक संदेश भी दिया, भारतीय सेना के नेतृत्व और साहस का एक উজ্জ্বল उदाहरण है।

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