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by-Ravindra Sikarwar

नई दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने गुजरात के अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जिसमें 241 लोगों की जान चली गई थी। यह समिति भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) और दिशानिर्देशों की जांच करेगी और व्यापक दिशानिर्देश सुझाएगी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शुक्रवार रात को इसकी जानकारी दी।

दुर्घटना और बचे हुए लोग:
12 जून की दोपहर को गुजरात के अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद लंदन गैटविक हवाई अड्डे के लिए जा रहा एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार एक यात्री को छोड़कर सभी की मृत्यु हो गई। विमान में 242 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे, जिनमें 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, सात पुर्तगाली नागरिक और एक कनाडाई नागरिक शामिल थे। भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक विश्वशकुमार रमेश चमत्कारी रूप से इस दुर्घटना में बच गए।

तीन महीने में रिपोर्ट, अन्य जांचों का विकल्प नहीं:
मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि यह समिति अन्य संबंधित संगठनों द्वारा की जा रही जांचों का विकल्प नहीं होगी, बल्कि इसका मुख्य ध्यान भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए एसओपी तैयार करने पर होगा।

मंत्रालय ने कहा, “समिति को सभी रिकॉर्ड तक पहुंच प्राप्त होगी, जिनमें उड़ान डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, विमान रखरखाव रिकॉर्ड, एटीसी लॉग और गवाहों के बयान शामिल होंगे।” समिति अपनी रिपोर्ट तीन महीने के भीतर प्रकाशित करेगी।

समिति की संरचना:
सरकार ने बताया कि इस समिति की अध्यक्षता गृह सचिव करेंगे और इसमें राज्य तथा केंद्र सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो संयुक्त सचिव के पद से नीचे के नहीं होंगे।

समिति में गृह मंत्रालय के सचिव या संयुक्त सचिव, नागरिक उड्डयन सचिव, गुजरात गृह विभाग के प्रतिनिधि, राज्य आपदा प्रतिक्रिया प्राधिकरण के प्रतिनिधि, अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त, भारतीय वायु सेना के महानिदेशक (डीजी), निरीक्षण और सुरक्षा, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के डीजी, नागरिक उड्डयन नियामक – नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के डीजी, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के विशेष निदेशक, और फोरेंसिक साइंस सर्विसेज निदेशालय के निदेशक शामिल होंगे।

जांच के मुख्य बिंदु:
आदेश में कहा गया है कि पैनल यांत्रिक खराबी, मानवीय त्रुटि, मौसम की स्थिति, नियामक अनुपालन और अन्य कारणों सहित योगदान करने वाले कारकों का आकलन करेगा।

सरकारी आदेश के अनुसार, पैनल विभिन्न हितधारकों (केंद्र और राज्य सरकार दोनों) की आपातकालीन प्रतिक्रिया का आकलन करेगा, जिसमें बचाव अभियान और उनके बीच समन्वय शामिल है। यह ऐसी घटनाओं को संभालने के संबंध में मौजूदा दिशानिर्देशों की जांच करेगा और देश में पिछली ऐसी विमान दुर्घटनाओं के रिकॉर्ड की समीक्षा करेगा।

आदेश में कहा गया है कि पैनल एक व्यापक एसओपी भी तैयार करेगा और दुर्घटना के बाद की स्थिति को संभालने और प्रबंधन के लिए केंद्रीय और राज्य सरकारों की सभी एजेंसियों और संगठनों की भूमिकाएं सुझाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि पैनल ऐसी घटनाओं को रोकने और दुर्घटना के बाद की स्थिति को संभालने के लिए नीतिगत परिवर्तनों, परिचालन सुधारों और प्रशिक्षण वृद्धि का सुझाव देगा।

मुख्य निष्कर्ष

  • एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
  • समिति मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल का विश्लेषण करेगी और सुधारों का सुझाव देगी।
  • एविएशन सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से रिपोर्ट तीन महीने के भीतर आने की उम्मीद है।

यह कदम ऐसे समय में आया है जब देश में विमानन सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। सरकार का यह प्रयास भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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