
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ सिलसिलेवार बैठकें की हैं, जिससे भारत की सैन्य तैयारियों को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है।
सेना प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री की बैठकें:
- वायुसेना प्रमुख की मुलाकात: एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात लगभग 40 मिनट तक चली।
- नौसेना प्रमुख की मुलाकात: इससे पहले, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने भी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की, जो लगभग एक घंटे तक चली।
- थल सेना प्रमुख की मुलाकात: थल सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने भी 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी शामिल थे।
इन मुलाकातों को पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई की तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है।
उच्च स्तरीय बैठकों में ‘खुली छूट’ की चर्चा:
26 अप्रैल को, प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और अन्य सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। रिपोर्टों के अनुसार, इस डेढ़ घंटे की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने की “खुली छूट” दे दी है।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया:
पहलगाम हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सिंधु जल संधि का निलंबन।
- पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द करना।
- पाकिस्तानी एयरलाइनों के लिए हवाई क्षेत्र बंद करना।
- पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करना।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी प्रतिज्ञा की है कि उनकी सरकार पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों और उनके समर्थकों को “दुनिया के कोने-कोने तक” ढूंढ निकालेगी।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और डर:
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद, पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की घोषणा की है और शिमला समझौते को निलंबित कर दिया है। पाकिस्तान को भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई का डर है, जिसके चलते वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी बात रख रहा है।
सैन्य तैयारियों में तेज़ी:
पहलगाम हमले के बाद, भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों में तेज़ी ला दी है। ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं। यह कदम देश भर में रक्षा तैयारियों को तेज करने के संकेत देता है।
हमले का विवरण:
22 अप्रैल को, आतंकवादियों ने बैसरन घाटी में घूमने आए पर्यटकों के एक समूह पर हमला किया था। यह घाटी घने जंगलों से घिरी हुई है और केवल पैदल या घोड़े पर ही पहुंचा जा सकता है। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। आतंकवादियों ने गैर-मुस्लिम पर्यटकों को निशाना बनाया और उनसे कलमा पढ़ने को कहा, और इनकार करने पर उन्हें नजदीक से गोली मार दी।
भारत सरकार इस हमले को गंभीरता से ले रही है और आतंकवादियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।