Spread the love

by-Ravindra Sikarwar

मुंबई: अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) ने मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (MIAL) के लिए 1 अरब डॉलर (लगभग 8,300 करोड़ रुपये) का महत्वपूर्ण वित्तपोषण (फाइनेंसिंग) सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है जो मुंबई हवाई अड्डे के चल रहे विस्तार और आधुनिकीकरण परियोजनाओं को गति देगी और अडानी समूह की भारत के विमानन क्षेत्र में बढ़ती पकड़ को भी मजबूत करेगी।

वित्तपोषण का विवरण:
यह 1 अरब डॉलर का वित्तपोषण कई अंतरराष्ट्रीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों से प्राप्त किया गया है। इसमें विशेष रूप से दीर्घकालिक ऋण शामिल हैं, जो परियोजना की स्थिरता और क्षमता में वैश्विक निवेशकों के विश्वास को दर्शाते हैं। इस तरह के बड़े पैमाने पर वित्तपोषण को सुरक्षित करना अक्सर परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता और प्रवर्तक की साख का एक मजबूत संकेतक होता है।

इस फंड का उपयोग मुख्य रूप से मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लिए किया जाएगा। इसमें टर्मिनल भवनों का विस्तार, अतिरिक्त रनवे और टैक्सीवे का निर्माण, कार्गो सुविधाओं का उन्नयन, और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य मुंबई हवाई अड्डे की क्षमता को बढ़ाना, यात्री अनुभव को बेहतर बनाना और परिचालन दक्षता में सुधार करना है।

मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का महत्व:
मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है और देश के आर्थिक केंद्र के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। यह हवाई अड्डा घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के यात्रियों और माल ढुलाई के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इसकी बढ़ती क्षमता और आधुनिकीकरण मुंबई की कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा, और क्षेत्र में आर्थिक विकास को गति देगा।

अडानी समूह ने 2021 में GVK समूह से MIAL का नियंत्रण अपने हाथ में लिया था। तब से, समूह भारत में हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे के विकास में भारी निवेश कर रहा है।

अडानी एयरपोर्ट्स की विस्तार योजनाएँ:
यह वित्तपोषण अडानी एयरपोर्ट्स की व्यापक विस्तार योजनाओं का हिस्सा है। अडानी एयरपोर्ट्स भारत में सबसे बड़ी हवाई अड्डा संचालक कंपनी बन गई है, जिसके पास वर्तमान में मुंबई सहित सात हवाई अड्डों का संचालन और प्रबंधन है। इन हवाई अड्डों में मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, मेंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम शामिल हैं।

समूह का लक्ष्य इन हवाई अड्डों को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और सेवाएं प्रदान करना है, ताकि भारत को वैश्विक विमानन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान पर लाया जा सके। इस तरह के वित्तपोषण सौदे यह सुनिश्चित करते हैं कि इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिए आवश्यक पूंजी उपलब्ध है।

यह उपलब्धि भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए भी सकारात्मक संकेत है, क्योंकि यह देश में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग और हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में निवेश के अवसरों को दर्शाता है। मुंबई हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण से यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा और भारत की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp