by-Ravindra Sikarwar
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में अमरनाथ यात्रा के काफिले में शामिल पाँच बसों की आपस में टक्कर हो गई, जिसमें कम से कम **36 तीर्थयात्री घायल** हो गए। यह घटना बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक बड़ा झटका है, जो पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए जा रहे थे।
दुर्घटना का विवरण:
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना रामबन जिले के डिगडोल के पास तब हुई जब अमरनाथ यात्रा के लिए जा रहे तीर्थयात्रियों को ले जा रही पाँच बसें एक के बाद एक टकरा गईं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना सड़क की फिसलन या खराब दृश्यता के कारण हुई हो सकती है, हालांकि विस्तृत जांच जारी है।
- घायलों की स्थिति: दुर्घटना में घायल हुए 36 तीर्थयात्रियों में से अधिकांश को मामूली चोटें आई हैं। उन्हें तुरंत पास के अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ले जाया गया, जहाँ उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की गई। कुछ घायलों को बेहतर इलाज के लिए रामबन जिला अस्पताल और जम्मू भेजा गया है। डॉक्टरों के अनुसार, सभी घायलों की हालत स्थिर है और कोई गंभीर खतरे में नहीं है।
- बचाव और राहत कार्य: दुर्घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और सेना के जवान तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे। उन्होंने त्वरित बचाव अभियान चलाया और घायलों को बसों से निकालकर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई। राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को सुचारू करने के लिए भी तेजी से काम किया गया।
- यात्रा पर प्रभाव: इस दुर्घटना से अमरनाथ यात्रा पर सीधे तौर पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा है। यात्रा जारी है, हालांकि सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों से यात्रा के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने और नियमों का पालन करने की अपील की है।
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा चुनौतियाँ:
अमरनाथ यात्रा हिमालय के दुर्गम इलाकों से होकर गुजरती है, और यह अपनी भौगोलिक चुनौतियों और सुरक्षा संबंधी चिंताओं के लिए जानी जाती है। इस यात्रा के दौरान कई बार प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है।
- सड़क सुरक्षा: जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग, जिस पर यात्रा का बड़ा हिस्सा गुजरता है, अक्सर भूस्खलन, पत्थर गिरने और खराब मौसम की वजह से जोखिम भरा हो जाता है। इस तरह की दुर्घटनाएं सड़क सुरक्षा की चुनौतियों को उजागर करती हैं।
- सुरक्षा व्यवस्था: यात्रा की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CRPF), सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के हजारों जवान तैनात रहते हैं। यह तैनाती न केवल आतंकी खतरों से निपटने के लिए होती है, बल्कि दुर्घटनाओं और अन्य आपात स्थितियों में भी त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए होती है।
यह घटना उन चुनौतियों की याद दिलाती है जो अमरनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को झेलनी पड़ती हैं। प्रशासन इन चुनौतियों को कम करने और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।