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रायगढ़ (छत्तीसगढ़): भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार किया है। ACB की टीम ने जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थ एक हेड क्लर्क को ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी तब हुई जब हेड क्लर्क एक माध्यमिक विद्यालय के चपरासी से उसके वेतन भुगतान को जारी करने के एवज में ₹20,000 की रिश्वत मांग रहा था।

विस्तृत समाचार:

ACB की भ्रष्टाचार विरोधी बड़ी कार्रवाई:
रायगढ़ जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ ACB की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है। शिक्षा विभाग जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामलों का सामने आना चिंताजनक है, और ACB की त्वरित कार्रवाई से यह उम्मीद जगती है कि भ्रष्ट अधिकारियों पर लगाम कसी जा सकेगी। यह कार्रवाई अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए भी एक सख्त संदेश है कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

शिक्षा कार्यालय का हेड क्लर्क रिश्वत लेते धराया:
गिरफ्तार किया गया हेड क्लर्क जिला शिक्षा कार्यालय में एक महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत था। उसकी जिम्मेदारी विभिन्न कर्मचारियों के वेतन और अन्य वित्तीय कार्यों को देखना था। इस पद का दुरुपयोग करते हुए, उसने एक गरीब चपरासी से रिश्वत की मांग की, जो यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार किस कदर निचले स्तर तक फैला हुआ है। ACB की टीम ने शिकायत मिलने के बाद जाल बिछाया और हेड क्लर्क को रिश्वत की रकम लेते हुए मौके पर ही पकड़ लिया।

वेतन भुगतान के लिए ₹20,000 की रिश्वत की मांग:
मामले की जानकारी के अनुसार, हेड क्लर्क ने एक माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत चपरासी के रुके हुए वेतन भुगतान को जारी करने के लिए ₹20,000 की रिश्वत की मांग की थी। चपरासी, जो पहले से ही आर्थिक रूप से परेशान था, इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थ था। मजबूर होकर, उसने ACB से संपर्क कर इस भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई।

₹10,000 रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तारी:
चपरासी की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, ACB की टीम ने योजना बनाई और हेड क्लर्क को रिश्वत लेते हुए पकड़ने के लिए जाल बिछाया। जैसे ही हेड क्लर्क ने चपरासी से ₹10,000 की पहली किश्त के रूप में रिश्वत की रकम ली, ACB की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण सफलता है, क्योंकि यह दर्शाती है कि शिकायत मिलने पर ACB तुरंत और प्रभावी कार्रवाई कर रही है।

आगे की कानूनी प्रक्रिया:
हेड क्लर्क की गिरफ्तारी के बाद, ACB की टीम आगे की कानूनी प्रक्रिया में जुट गई है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। ACB इस मामले की गहन जांच करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या हेड क्लर्क पहले भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल रहा है और क्या इस भ्रष्टाचार में कोई और अधिकारी भी शामिल हैं।

यह घटना छत्तीसगढ़ के सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार की समस्या को उजागर करती है। ACB की यह कार्रवाई निश्चित रूप से अन्य भ्रष्ट अधिकारियों के लिए एक चेतावनी साबित होगी और आम जनता में न्याय और पारदर्शिता की उम्मीद जगाएगी।

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