
बीजापुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के घने जंगलों में सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। आज, 21 मई 2025 को सुबह से जारी भीषण मुठभेड़ में जवानों ने कुख्यात नक्सली चीफ बसव राजू को मार गिराया है। बसव राजू पर 1 करोड़ से 1.5 करोड़ रुपये का भारी-भरकम इनाम घोषित था। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस मुठभेड़ में अब तक कुल 27 माओवादियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह संख्या 30 तक बताई जा रही है। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि का अभी भी इंतजार है।
कौन था बसव राजू?
मृतक नक्सली चीफ बसव राजू आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम का मूल निवासी था। वह संगठन के भीतर ‘गंगना’, ‘प्रकाश’ और ‘बीआर’ जैसे कई नामों से जाना जाता था। उसकी उम्र लगभग 70 साल बताई जा रही है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बसव राजू ने वारंगल के रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद, साल 1970 में उसने अपने घर को छोड़कर माओवादी संगठन का दामन थाम लिया था।
बम बनाने में था माहिर
नक्सली संगठन में शामिल होने के बाद, बसव राजू ने 1987 में बस्तर के जंगलों में लगे लिट्टे (LTTE) के कैंप में बम बनाने और घात लगाकर हमला (एंबुश) करने का प्रशिक्षण लिया था। उसे बम बनाने का विशेषज्ञ माना जाता था और उसकी दक्षता ने माओवादी गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुठभेड़ का विवरण और अधिकारियों के बयान
यह मुठभेड़ अबूझमाड़ के दुर्गम जंगली इलाकों में हुई, जहां सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक सुनियोजित ऑपरेशन चलाया। मुठभेड़ से लौटते समय एक दुखद घटना में एक डीआरजी (District Reserve Guard) जवान आईईडी (Improvised Explosive Device) विस्फोट में शहीद हो गया।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस ऑपरेशन पर जानकारी देते हुए कहा, “प्रदेश में नक्सली ऑपरेशन चल रहा है, जिसमें हमारे डीआरजी जवान सक्रिय रूप से शामिल हैं। ऑपरेशन अभी भी जारी है और इसके पूरा होने पर सटीक विवरण साझा किया जाएगा। हम अपने बहादुर जवानों के साहस को सलाम करते हैं।”
वहीं, उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस मुठभेड़ पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हमारे सुरक्षा बलों ने 26 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है। यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। जवानों के लौटने के बाद ही सही जानकारी मिल पाएगी। एक जवान घायल हुआ है, लेकिन वह खतरे से बाहर है। हमारे एक सहयोगी ने ऑपरेशन के दौरान अपनी जान गंवा दी।”
इस मुठभेड़ को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। एक उच्च-स्तरीय और तकनीकी रूप से सक्षम नक्सली लीडर का मारा जाना संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। सुरक्षा बल लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं, जिससे भविष्य में ऐसी और सफलताओं की उम्मीद की जा रही है।