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by-Ravindra Sikarwar

पटना में एक प्रमुख व्यवसायी गोपाल खेमका की उनके घर के ठीक बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना इसलिए और भी भयावह है क्योंकि यह उनके बेटे की छह साल पहले हुई इसी तरह की निर्मम हत्या के बाद हुई है, जिसने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया था।

हत्याकांड का विवरण:
शुक्रवार की देर शाम गोपाल खेमका जब अपने कदमकुआं स्थित आवास पर लौट रहे थे, तभी अज्ञात हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। खेमका को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि हमलावर एक बाइक पर सवार थे और घटना को अंजाम देकर तुरंत फरार हो गए।

  • वारदात का समय और स्थान: यह घटना पटना के पॉश इलाके में से एक कदमकुआं में हुई, जो शहर के केंद्र में है। इस तरह एक व्यस्त क्षेत्र में हुई हत्या ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
  • पुलिस की कार्रवाई: सूचना मिलते ही पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हत्यारों की तलाश में छापेमारी कर रही है। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
  • जांच का शुरुआती रुख: पुलिस इसे आपसी रंजिश या व्यवसायिक विवाद से जुड़ा मामला मान रही है। हालांकि, जिस तरह से इस घटना का उनके बेटे की हत्या से संबंध है, वह एक गहरी साजिश की ओर भी इशारा कर रहा है।

बेटे की हत्या का भयावह अतीत:
गोपाल खेमका की हत्या ने उनके परिवार के उस दर्दनाक अतीत को फिर से ताजा कर दिया है, जब छह साल पहले उनके बेटे कृष्ण खेमका की भी इसी तरह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कृष्ण खेमका को भी उनके घर के पास ही निशाना बनाया गया था।

  • पुराने मामले से संबंध: कृष्ण खेमका की हत्या का मामला भी लंबे समय तक अनसुलझा रहा था। पुलिस ने तब भी कई एंगल से जांच की थी, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया था। अब गोपाल खेमका की हत्या से इस बात की प्रबल आशंका जताई जा रही है कि दोनों हत्याओं के तार जुड़े हो सकते हैं।
  • परिवार पर दोहरा आघात: इस घटना ने खेमका परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है। पहले बेटे की हत्या और अब पिता की निर्मम हत्या ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।

पटना में बढ़ती आपराधिक गतिविधियां:
यह घटना पटना में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर एक बार फिर से सवाल खड़े करती है। शहर में व्यवसायी वर्ग और आम जनता में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

पुलिस और प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे न केवल इस हाई-प्रोफाइल हत्या का खुलासा करें, बल्कि शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को भी मजबूत करें ताकि नागरिकों में विश्वास बहाल हो सके।

क्या पुलिस इस बार इस दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझा पाएगी और न्याय सुनिश्चित कर पाएगी? यह सवाल अब पटना के लोगों के जेहन में सबसे ऊपर है।

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