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By: Ravindra Sikarwar

आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली जिले में यलमंचिली रेलवे स्टेशन के पास एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब टाटानगर से एर्नाकुलम जा रही एक्सप्रेस ट्रेन के दो एसी कोचों में अचानक भीषण आग लग गई। यह हादसा 29 दिसंबर 2025 की तड़के करीब 12:45 बजे से 1:30 बजे के बीच हुआ। आग की लपटों ने बी1 और एम2 कोच को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। इस घटना में 70 वर्षीय यात्री चंद्रशेखर सुंदरम की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि अन्य सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

ट्रेन नंबर 18189 टाटानगर-एर्नाकुलम सुपरफास्ट एक्सप्रेस झारखंड के टाटानगर से केरल के एर्नाकुलम की ओर जा रही थी। विशाखापट्टनम से लगभग 66 किलोमीटर दूर यलमंचिली के निकट ट्रेन दुव्वाडा क्रॉस करने के बाद आग की शुरुआत हुई। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, लोको पायलट ने कोचों से निकलती लपटें देखीं और तुरंत ट्रेन को यलमंचिली स्टेशन पर रोक दिया। इससे यात्रियों को निकलने का मौका मिला। प्रभावित कोचों में कुल 158 यात्री सवार थे – एक में 82 और दूसरे में 76। यात्रियों ने इमरजेंसी चेन पुल करके ट्रेन रोकी और खिड़कियों व दरवाजों से कूदकर अपनी जान बचाई।

आग सबसे पहले बी1 कोच में लगी और देखते-देखते एम2 कोच तक फैल गई। दोनों कोच पैंट्री कार के पास स्थित थे, जिससे आग तेजी से फैली। धुएं और लपटों के कारण दृश्यता बेहद कम हो गई थी, और कई यात्री घबराहट में चीखते-चिल्लाते बाहर भागे। दमकल विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक दोनों कोच पूरी तरह जल चुके थे। मृतक चंद्रशेखर सुंदरम विशाखापट्टनम के निवासी थे और विजयवाड़ा जा रहे थे। उनका शव बी1 कोच से बरामद किया गया।

रेलवे की त्वरित कार्रवाई से बड़ा हादसा टल गया। क्षतिग्रस्त कोचों को ट्रेन से अलग कर दिया गया और प्रभावित यात्रियों को तीन एपीएसआरटीसी बसों से समरलकोटा ले जाया गया। वहां दो नए एसी कोच जोड़े गए, जिसके बाद ट्रेन एर्नाकुलम की ओर रवाना हो गई। दक्षिण मध्य रेलवे ने यात्रियों की मदद के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए, जैसे यलमंचिली के लिए 7815909386, अनाकापल्ली के लिए 7569305669 और विजयवाड़ा के लिए 0866-2575167। इस घटना से रूट पर कई ट्रेनें प्रभावित हुईं, जिन्हें विशाखापट्टनम या अन्य स्टेशनों पर रोका गया।

आग लगने के सटीक कारण की अभी जांच चल रही है। प्रारंभिक आशंका बिजली के शॉर्ट-सर्किट की जताई जा रही है, लेकिन फोरेंसिक टीम और रेलवे सुरक्षा आयुक्त मौके पर पहुंचकर विस्तृत जांच कर रहे हैं। भारतीय रेलवे में आग की घटनाएं समय-समय पर सामने आती रहती हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि पुरानी वायरिंग, ओवरलोडिंग या रखरखाव की कमी ऐसे हादसों का कारण बन सकती है। इस साल 2025 में भी कुछ अन्य ट्रेनों में आग की छोटी-बड़ी घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं, जो रेल सुरक्षा पर सवाल उठाती हैं।

यह घटना रेल यात्रियों के लिए एक चेतावनी है कि इमरजेंसी स्थिति में शांत रहकर सही कदम उठाना कितना जरूरी है। रेलवे प्रशासन ने सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थानांतरित करने और ट्रेन सेवा बहाल करने में सराहनीय काम किया। उम्मीद है कि जांच रिपोर्ट से कारण स्पष्ट होंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूत उपाय किए जाएंगे। मृतक के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की जा रही है, और रेलवे की ओर से उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है।

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