by-Ravindra Sikarwar
रांची: इंडिगो की एक उड़ान में संभावित टायर डिफ्लेशन (हवा निकलना) के संदेह के चलते एक बड़ा हादसा टल गया। रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर दिल्ली जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट 6E-278 को उड़ान भरने से ठीक पहले रोक दिया गया। विमान में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया, जिससे यात्रियों ने राहत की सांस ली।
घटना का विवरण:
यह घटना शुक्रवार (27 जून, 2025) की शाम करीब 4:30 बजे की है। इंडिगो की रांची से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट 6E-278 में लगभग 180 यात्री सवार थे। विमान रनवे पर उड़ान भरने के लिए पूरी तरह से तैयार था और गति पकड़ने वाला ही था कि तभी पायलट ने विमान में कुछ असामान्य गतिविधि महसूस की।
उड़ान से पहले की जांच के दौरान, ग्राउंड क्रू को विमान के एक टायर में संदिग्ध डिफ्लेशन का संकेत मिला। पायलट ने तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को सूचित किया और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विमान को रनवे पर ही रोक दिया। यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया था।
सुरक्षित डी-बोर्डिंग और यात्रियों की प्रतिक्रिया:
जैसे ही विमान को रोका गया, यात्रियों को तुरंत घोषणा कर स्थिति की जानकारी दी गई। सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन करते हुए, सभी यात्रियों को विमान से सुरक्षित डी-बोर्ड किया गया और वापस टर्मिनल बिल्डिंग में लाया गया। इस दौरान कुछ यात्री चिंतित और घबराए हुए थे, लेकिन इंडिगो स्टाफ ने स्थिति को बखूबी संभाला और उन्हें शांत किया।
एक यात्री ने बताया, “हमें अचानक पता चला कि फ्लाइट रोक दी गई है। पहले थोड़ी घबराहट हुई, लेकिन जब हमें बताया गया कि यह सुरक्षा जांच के लिए है तो हम सबने राहत की सांस ली। यह पायलट और ग्राउंड स्टाफ का अच्छा फैसला था।”
इंडिगो का बयान और आगे की कार्रवाई:
इंडिगो एयरलाइंस ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस घटना की पुष्टि की। बयान में कहा गया कि यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। संदिग्ध टायर डिफ्लेशन का पता चलने पर विमान को तुरंत रोक दिया गया। यात्रियों को हुई असुविधा के लिए हमें खेद है।
तकनीकी टीम ने तुरंत विमान की जांच शुरू कर दी है। टायर को बदलने और विमान की पूरी तरह से जांच के बाद ही इसे दोबारा उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी। इंडिगो ने यात्रियों को दिल्ली भेजने के लिए एक वैकल्पिक विमान की व्यवस्था की, जिससे वे कुछ घंटों की देरी के बाद अपने गंतव्य के लिए रवाना हो सके।
यह घटना दिखाती है कि विमानन उद्योग में सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन कितना महत्वपूर्ण है। पायलट और ग्राउंड स्टाफ की सतर्कता के कारण एक संभावित दुर्घटना को टाल दिया गया, जिससे सभी यात्रियों की जान बच गई।