by-Ravindra Sikarwar
चीन की रेलवे लाइन, जो तिब्बत को शिनजियांग से जोड़ेगी, भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। यह रेलवे लाइन भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास से गुजरेगी, जिससे भारत की सुरक्षा और भू-राजनीतिक स्थिति पर गहरा असर पड़ सकता है।
रेलवे लाइन का मार्ग और उद्देश्य:
यह प्रस्तावित रेलवे लाइन, जिसका नाम शिगात्से-होतान रेलवे है, तिब्बत के शिगात्से (Shigatse) को शिनजियांग के होतान (Hotan) से जोड़ेगी। शिगात्से, जो पहले से ही चीन के मुख्य रेल नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, तिब्बत में एक महत्वपूर्ण शहर है। यह रेलवे लाइन अक्साई चिन (Aksai Chin) क्षेत्र के पास से गुजरेगी, जिस पर चीन का नियंत्रण है, लेकिन भारत इसे अपना हिस्सा मानता है।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य तिब्बत और शिनजियांग के बीच आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना है। चीन इस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देना चाहता है। इसके अलावा, यह रेलवे लाइन चीन को इन दूर-दराज के क्षेत्रों में अपनी सैनिक गतिविधियों और रसद आपूर्ति को तेज़ी से बढ़ाने में मदद करेगी, जिससे भारत-चीन सीमा पर तनाव और बढ़ सकता है।
भारत के लिए चिंताएँ:
नई दिल्ली इस परियोजना को लेकर कई गंभीर चिंताएँ व्यक्त कर रहा है:
- सैनिक तैनाती: यह रेलवे लाइन चीन को LAC के पास सैनिकों, हथियारों और भारी सैन्य उपकरणों को तेज़ी से पहुँचाने की क्षमता प्रदान करेगी। इससे चीन सीमा पर अपनी सैनिक उपस्थिति को और मजबूत कर सकेगा।
- भू-राजनीतिक प्रभाव: इस रेलवे लाइन से अक्साई चिन और उसके आस-पास के क्षेत्रों पर चीन का दावा और मजबूत होगा, जिससे सीमा विवाद को हल करना और भी मुश्किल हो जाएगा।
- सामरिक नुकसान: इस नई रेलवे लाइन के कारण भारत के लिए LAC पर अपनी स्थिति को बनाए रखना और अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाएगा, खासकर पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में।
- सीमा पर तनाव: बुनियादी ढाँचे के विकास से दोनों देशों के बीच भविष्य में सीमा पर तनाव बढ़ने की संभावना है, क्योंकि चीन इसका उपयोग अपनी रणनीतिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कर सकता है।
भारत की प्रतिक्रिया:
भारत इस परियोजना पर लगातार नजर रखे हुए है और अपनी सीमा पर बुनियादी ढाँचे के विकास में भी तेजी ला रहा है। भारत ने भी LAC के पास सड़कों, पुलों और हवाई पट्टियों का निर्माण बढ़ाया है ताकि वह चीन की किसी भी चुनौती का प्रभावी ढंग से जवाब दे सके। इसके अलावा, भारत ने चीन को अपनी इस परियोजना के संभावित नकारात्मक प्रभावों के बारे में अवगत कराया है।
इस रेलवे परियोजना का निर्माण चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative – BRI) का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य एशिया, यूरोप और अफ्रीका में बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के माध्यम से चीन के प्रभाव को बढ़ाना है।
कुल मिलाकर, यह रेलवे परियोजना न केवल एक आर्थिक पहल है, बल्कि चीन की रणनीतिक विस्तारवादी नीतियों का भी एक हिस्सा है। भारत के लिए यह एक नई और जटिल चुनौती है, जिसका मुकाबला करने के लिए उसे अपनी रणनीतिक और रक्षात्मक क्षमताओं को और मजबूत करना होगा।