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by-Ravindra Sikarwar

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक अविवाहित युवती ने अपने नवजात शिशु को कचरे के ढेर में फेंक दिया। यह रोंगटे खड़े कर देने वाला वाकया सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद सामने आया। कचरे में फेंके गए इस नवजात शिशु को राहगीरों के देखने से पहले ही आवारा कुत्तों ने नोच डाला, जिससे उसकी मौत हो गई।

बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह बच्चा अविवाहित महिला का था। पुलिस ने सोमवार को उस 19 वर्षीय महिला को गिरफ्तार कर लिया, जिसने कबूल किया कि उसने सामाजिक बदनामी के डर से बच्चे को कचरे के साथ फेंक दिया था।

छिंदवाड़ा कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रभारी आशीष धुर्वे ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “उसकी पहचान की गई और सोमवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसने स्वीकार किया कि सामाजिक बदनामी के डर से उसने ही बच्चे को कचरे के साथ फेंका था।”

धुर्वे ने आगे कहा, “प्रारंभिक जांच में आरोपी ने बताया कि वह एक पुरुष के साथ रिश्ते में थी और उससे शादी करने वाली थी। लेकिन बात नहीं बन पाई।”

नवजात शिशुओं को परित्यजन के मामले में मध्य प्रदेश सबसे आगे:
छिंदवाड़ा में नवजात का यह मामला कोई अकेला नहीं है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) से उपलब्ध आंकड़ों पर गौर करें तो, मध्य प्रदेश पिछले चार वर्षों से पूरे देश में नवजात शिशुओं को लावारिस छोड़ने के मामलों में सबसे आगे रहा है।

  • 2019 में, राज्य में 187 ऐसे मामले दर्ज किए गए, जबकि पूरे देश में कुल 896 मामले सामने आए थे। यह देश में सर्वाधिक था।
  • 2020 में भी, मध्य प्रदेश में नवजात शिशुओं को लावारिस छोड़ने के सर्वाधिक 186 मामले दर्ज हुए, जबकि पूरे देश में कुल 747 मामले थे।
  • 2021 में राज्य ने 159 ऐसे मामले रिपोर्ट किए, जो एक बार फिर देश में सबसे अधिक थे।
  • नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों, 2022 के अनुसार, राज्य में 174 मामले दर्ज हुए, जबकि पूरे देश में ऐसे 818 मामले थे। यह आंकड़ा भी देश में सर्वाधिक रहा।

यह स्थिति मध्य प्रदेश में इस गंभीर सामाजिक समस्या की विकरालता को दर्शाती है।

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