by-Ravindra Sikarwar
पटना के जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या का मामला अब और गहराता जा रहा है। पुलिस की जांच में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है: आशंका जताई जा रही है कि यह हत्या जेल के भीतर से रची गई एक सुपारी किलिंग थी। इस नए एंगल के सामने आने के बाद जांच एजेंसियां पूरी सक्रियता से काम कर रही हैं और कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
जेल कनेक्शन और छापेमारी:
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच में सामने आया है कि गोपाल खेमका की हत्या की साजिश पटना की बेऊर जेल के भीतर से रची गई थी। इस इनपुट के बाद, शनिवार को बेऊर जेल में एक बड़ी छापेमारी की गई। इस छापेमारी में पुलिस को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिनमें तीन मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य आपत्तिजनक सामग्री शामिल हैं। ये बरामदगी इस बात की ओर इशारा करती है कि जेल के भीतर से आपराधिक गतिविधियां संचालित की जा रही थीं।
गैंगस्टर से पूछताछ और जमीन विवाद का एंगल:
पुलिस ने बेऊर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर अजय वर्मा से भी इस मामले में गहनता से पूछताछ की है। अजय वर्मा का नाम इस हत्याकांड से जुड़ने के बाद, पुलिस अब यह मान रही है कि यह हत्या जमीन विवाद से जुड़ी हो सकती है, जिसके लिए जेल से ही सुपारी दी गई थी। जांचकर्ता इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि खेमका का किससे जमीन को लेकर विवाद चल रहा था और इसमें अजय वर्मा की क्या भूमिका हो सकती है।
जेल अधिकारियों पर कार्रवाई:
जेल के भीतर से मोबाइल फोन और अन्य आपत्तिजनक सामग्री की बरामदगी ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन जेल वार्डरों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, उप अधीक्षक अजय कुमार, सहायक अधीक्षक नीरज कुमार रजक और सेक्शन इंचार्ज गिरीश यादव को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई दर्शाती है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है।
शूटर की पहचान और पूर्व-नियोजित हत्या:
पुलिस ने हत्या को अंजाम देने वाले शूटर की पहचान कर ली है और उसके भागने के रास्ते को भी बारीकी से ट्रेस किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज की मदद से शूटर और उसके सहयोगियों की हर गतिविधि पर नज़र रखी जा रही है। जांच से पता चला है कि यह हत्या एक पूर्व-नियोजित साजिश का हिस्सा थी। हमलावरों ने खेमका की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए दो “स्पॉटर” का इस्तेमाल किया। इन स्पॉटरों ने ही शूटर को बांकीपुर क्लब से उनके आवास तक खेमका के आने की जानकारी दी थी, जिसके बाद उन्हें गोली मार दी गई।
बेटे की हत्या से संबंध और सुरक्षा वापसी:
इस हत्याकांड में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है: 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी हाजीपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस अब इन दोनों हत्याओं के बीच संभावित लिंक की भी जांच कर रही है। गुंजन खेमका की हत्या के बाद गोपाल खेमका को सुरक्षा भी मुहैया कराई गई थी, लेकिन यह सुरक्षा अप्रैल 2024 में वापस ले ली गई थी। इस सुरक्षा वापसी के समय और वर्तमान हत्या के बीच के संबंध की भी पड़ताल की जा रही है।
संदिग्ध हिरासत में और राजनीतिक प्रतिक्रिया:
गोपाल खेमका के अंतिम संस्कार में शामिल होने आए एक संदिग्ध रोशन कुमार को पुलिस ने हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ जारी है। इस हाई-प्रोफाइल हत्याकांड को लेकर बिहार की राजनीति में भी उबाल आ गया है। विपक्ष ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
पुलिस महानिरीक्षक (IGP) जितेंद्र राणा ने आश्वस्त किया है कि सभी संभावित पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है और जल्द ही इस मामले का पर्दाफाश किया जाएगा। खेमका के परिवार को सुरक्षा प्रदान की गई है। इस हत्याकांड ने एक बार फिर बिहार में आपराधिक गतिविधियों और जेलों से संचालित होने वाले अपराधों पर गंभीर बहस छेड़ दी है।