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by-Ravindra Sikarwar

वेलिंगटन, न्यूजीलैंड: न्यूजीलैंड की एक सांसद ने डीपफेक तकनीक के बढ़ते खतरों को उजागर करने के लिए एक साहसिक कदम उठाया है। उन्होंने संसद में अपनी ही एक AI-जनरेटेड नग्न तस्वीर प्रदर्शित की, जिसका उद्देश्य इस समस्या से निपटने के लिए तत्काल विधायी बदलाव की आवश्यकता पर प्रकाश डालना था। यह घटना डीपफेक प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग और ऑनलाइन सुरक्षा के महत्व पर एक महत्वपूर्ण बहस को फिर से शुरू कर रही है।

सांसद का साहसिक कदम:
यह अभूतपूर्व घटना बुधवार को हुई जब ग्रीन पार्टी की सांसद क्लो स्विब्रिक (Chlöe Swarbrick) ने अपनी पहचान उजागर करते हुए संसद में यह तस्वीर प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस तस्वीर को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके बनाया गया था और यह वास्तविक नहीं थी, बल्कि उनकी असली छवि को विकृत करके तैयार की गई थी। स्विब्रिक ने इस कृत्य को “घृणित और परेशान करने वाला” बताया और कहा कि यह उनकी निजता का घोर उल्लंघन है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर उनके साथ ऐसा हो सकता है, तो किसी के भी साथ हो सकता है, विशेषकर उन लोगों के साथ जो सार्वजनिक जीवन में हैं।

विधायी बदलाव की आवश्यकता पर जोर:
सांसद स्विब्रिक ने अपनी इस कार्रवाई के माध्यम से सरकार से डीपफेक छवियों और वीडियो के निर्माण और प्रसार को रोकने के लिए कठोर कानूनों की मांग की। उन्होंने तर्क दिया कि मौजूदा कानून, विशेष रूप से अश्लील सामग्री या उत्पीड़न से संबंधित, डीपफेक की विशिष्ट प्रकृति को पूरी तरह से संबोधित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। डीपफेक केवल किसी व्यक्ति की छवि को विकृत नहीं करते, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें शर्मिंदा करते हैं, और उन्हें भावनात्मक आघात पहुंचाते हैं। उनका मानना है कि इस तरह की सामग्री को रोकने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए एक स्पष्ट और विशिष्ट कानूनी ढांचा आवश्यक है।

वैश्विक चिंता और प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग:
डीपफेक तकनीक, जिसमें AI का उपयोग करके किसी व्यक्ति की वास्तविक छवियों या वीडियो को हेरफेर करके उन्हें ऐसा कुछ करते हुए दिखाया जाता है जो उन्होंने कभी नहीं किया, वैश्विक स्तर पर एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। इसका उपयोग अक्सर प्रतिशोध अश्लीलता (revenge porn), दुष्प्रचार (disinformation) फैलाने, वित्तीय धोखाधड़ी और राजनीतिक हस्तक्षेप के लिए किया जाता है। न्यूजीलैंड की घटना इस बात का एक और उदाहरण है कि कैसे यह तकनीक व्यक्तियों, विशेषकर महिलाओं को निशाना बनाने और उन्हें सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।

न्यूजीलैंड में प्रतिक्रिया:
इस घटना पर न्यूजीलैंड में व्यापक प्रतिक्रिया हुई है। कई राजनेताओं, नागरिक समाज संगठनों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों ने स्विब्रिक के कदम की सराहना की है और उनके साथ एकजुटता व्यक्त की है। उन्होंने डीपफेक के खतरों और ऑनलाइन सुरक्षा के लिए एक मजबूत कानूनी प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की है। प्रधान मंत्री कार्यालय ने भी इस मामले को गंभीरता से लेने और संभावित विधायी परिवर्तनों पर विचार करने का संकेत दिया है।

आगे की राह:
यह घटना न्यूजीलैंड को डीपफेक प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग से निपटने के लिए अग्रणी देशों में से एक बनने के लिए प्रेरित कर सकती है। सांसद स्विब्रिक का साहसिक कार्य निश्चित रूप से इस मुद्दे पर सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाएगा और उम्मीद है कि डीपफेक के खिलाफ अधिक प्रभावी कानूनी उपायों को लागू करने में मदद करेगा, न केवल न्यूजीलैंड में बल्कि विश्व स्तर पर भी। यह घटना एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक है कि जैसे-जैसे एआई तकनीक विकसित होती है, हमें इसके संभावित दुरुपयोग से व्यक्तियों और समाज की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों को भी विकसित करना चाहिए।

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