by-Ravindra Sikarwar
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री सत्येन्द्र जैन को एंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण से जुड़े कथित ₹2,000 करोड़ के घोटाले के संबंध में तलब किया है। यह मामला पिछली AAP सरकार के दौरान स्कूल भवनों और कक्षाओं के निर्माण में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।
ACB की कार्रवाई और आरोप:
दिल्ली सरकार के अधीन आने वाली एंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) ने 30 अप्रैल को इन दोनों नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।
- मनीष सिसोदिया को 9 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
- सत्येन्द्र जैन को 6 जून को पेश होने को कहा गया है।
ACB का आरोप है कि इस परियोजना में शहर भर में लगभग 12,748 कक्षाओं और स्कूल भवनों का निर्माण शामिल था, लेकिन इसमें “महत्वपूर्ण वित्तीय अनियमितताएं, विचलन और लागत वृद्धि” हुई। ACB का दावा है कि कक्षाओं का निर्माण ₹24.86 लाख प्रति कक्षा की अत्यधिक लागत पर किया गया था, जो मानक लागत से लगभग पांच गुना अधिक है। ब्रांच का यह भी आरोप है कि अनुबंध 34 ठेकेदारों को दिए गए थे, जिनमें से अधिकांश कथित तौर पर AAP से जुड़े थे।
भाजपा की शिकायत और AAP का खंडन:
यह समन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता हरीश खुराना, भाजपा विधायक कपिल मिश्रा और भाजपा के मीडिया संबंध विभाग के नीलकंठ बख्शी की शिकायत के बाद जारी किए गए हैं। एंटी-करप्शन ब्रांच की पुलिस उपायुक्त श्वेता सिंह चौहान ने बताया कि पूर्व मंत्रियों पर अर्ध-स्थायी कक्षाओं के निर्माण के दौरान खर्चों को बढ़ाने का आरोप है।
आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह मामला उसके नेतृत्व पर “दबाव डालने और डराने” के लिए दायर किया गया है। गौरतलब है कि AAP के कई चुनावी अभियान पिछले एक दशक में स्कूलों और कॉलेजों में किए गए सुधारों पर केंद्रित रहे हैं।
दिल्ली शराब नीति मामला:
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मनीष सिसोदिया दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार किए गए कई वरिष्ठ AAP नेताओं में से एक हैं, जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं। दोनों पर नीति तैयार करते समय पार्टी सदस्यों को किकबैक (घूस) की सुविधा देने का आरोप है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोप लगाया है कि अब रद्द की जा चुकी नीति ने निजी शराब विक्रेताओं को अनुचित लाभ प्रदान किए। ED ने आगे आरोप लगाया कि शराब नीति से मिली किकबैक के कुछ हिस्सों का उपयोग गोवा विधानसभा चुनावों में AAP के अभियान को वित्तपोषित करने के लिए किया गया था। एजेंसी के अनुसार, AAP के मीडिया प्रभारी विजय नायर ने दूसरों के साथ मिलकर पार्टी नेताओं की ओर से रिश्वत प्राप्त की थी।
यह मामला दिल्ली में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और भ्रष्टाचार के आरोपों की एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है, और इन दोनों नेताओं को आगे भी कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।