by-Ravindra Sikarwar
भोपाल: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान सीमा पर हुई झड़पों के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उपहास उड़ाया है कि उन्होंने दोनों पड़ोसी शत्रु देशों के बीच एक समझौता कराया है।
राहुल गांधी का बयान:
भोपाल में ‘संगठन सृजन अभियान’ के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में राहुल गांधी ने ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने इशारों-इशारों में प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि जहां एक ओर भारत पाकिस्तान से निपटने के लिए “ऑपरेशन सिंदूर” जैसी कार्रवाई कर रहा है और सीमा पर लगातार तनाव बना हुआ है, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्धविराम कराने में मध्यस्थता की है। राहुल गांधी के इस बयान को प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति पर कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पर झड़पें:
लेख में “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र किया गया है, हालांकि इस नाम से किसी बड़े भारतीय सैन्य अभियान की सार्वजनिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है। इसके साथ ही, भारत-पाकिस्तान सीमा पर हाल ही में हुई झड़पों का भी उल्लेख है। ये झड़पें अक्सर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर होती रहती हैं, जहां दोनों देशों की सेनाएं अक्सर संघर्ष करती रहती हैं। ऐसी स्थिति में, डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता के दावे पर राहुल गांधी का तंज, भारत की संप्रभुता और अपनी रक्षा क्षमताओं पर जोर देने की कोशिश प्रतीत होता है।
ट्रंप का विवादास्पद दावा:
यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा किया है। अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने ऐसे कई बयान दिए थे, जिन्हें भारत ने हमेशा खारिज किया है। भारत का रुख स्पष्ट रहा है कि कश्मीर सहित पाकिस्तान के साथ कोई भी मुद्दा द्विपक्षीय रूप से हल किया जाएगा और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं होगी। राहुल गांधी ने ट्रंप के इस दावे को मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाने के लिए एक अवसर के रूप में इस्तेमाल किया है।
राजनीतिक मायने:
राहुल गांधी की यह टिप्पणी आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा है। वे प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति, खासकर पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर, केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि भारत-पाकिस्तान संबंध और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे भारतीय राजनीति में हमेशा एक प्रमुख स्थान रखते हैं।