
नई दिल्ली: आतंकवादियों को पनाह देने और भारतीय नागरिकों को निशाना बनाने वाले पाकिस्तान के खिलाफ भारत एक बड़ा और सख्त कदम उठाने जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण पर निगरानी रखने वाली संस्था, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ‘ग्रे लिस्ट’ में पाकिस्तान को वापस डालने के लिए एक मजबूत प्रस्ताव पेश करेगा। भारत विशेष रूप से उन कानूनी प्रावधानों के अनुपालन में पाकिस्तान की विफलता पर ध्यान दिलाएगा, जिनका पालन करने का वादा पाकिस्तान ने 2022 में ग्रे लिस्ट से हटाए जाने के समय किया था।
FATF बैठक और भारत का डोजियर
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार जून में होने वाली FATF की अगली पूर्ण बैठक में प्रस्तुत करने के लिए एक विस्तृत डोजियर तैयार कर रही है। इस डोजियर में पाकिस्तान द्वारा आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित नियमों के कथित उल्लंघन के प्रमाण शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, भारत विश्व बैंक द्वारा पाकिस्तान को दिए जाने वाले फंडिंग की समीक्षा पर भी अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा, जिससे पाकिस्तान पर वित्तीय दबाव और बढ़ेगा।
‘ग्रे लिस्ट’ का प्रभाव और पाकिस्तान का पूर्व अनुभव
पाकिस्तान को जून 2018 में FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला गया था और अक्टूबर 2022 में हटाए जाने तक उसे “बढ़ी हुई निगरानी” का सामना करना पड़ा। इस सूची में शामिल होने से किसी भी देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और पूंजी प्रवाह पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय व्यवसायों को ऐसे देशों के साथ व्यापार करते समय अधिक सतर्कता बरतनी पड़ती है। भारतीय सरकारी अधिकारियों ने पहले यह भी बताया था कि ‘ग्रे लिस्ट’ में होने से पाकिस्तान से भारत, विशेषकर जम्मू-कश्मीर में, अवैध धन के प्रवाह को कम करने में मदद मिली थी।
IMF फंडिंग पर भी भारत की आपत्ति
इसी महीने की शुरुआत में, भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की बोर्ड बैठक में भी पाकिस्तान के लिए जुलाई 2024 से शुरू होने वाले 7 बिलियन डॉलर के सहायता पैकेज के तहत धन जारी करने पर आपत्ति जताई थी। यह कदम पाकिस्तान पर बहुआयामी वित्तीय दबाव बनाने की भारत की रणनीति का हिस्सा है।
FATF में ‘ग्रे लिस्ट’ में वापसी की प्रक्रिया
पाकिस्तान के लिए ‘ग्रे लिस्ट’ का दर्जा मांगने के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू करने हेतु भारत को FATF के अन्य सदस्य देशों के समर्थन की आवश्यकता होगी। FATF का निर्णय लेने वाला निकाय, प्लेनरी, साल में तीन बार—आमतौर पर फरवरी, जून और अक्टूबर में—मिलता है। आगामी जून की बैठक में भारत इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा, जिससे पाकिस्तान के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
भारत का यह कदम पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण और समर्थन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाबदेह ठहराने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।