
बीजापुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर बीजापुर जिले के करेगुट्टा पहाड़ियों के पास सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि “मिशन संकल्प” के तहत चलाए जा रहे एक विशेष अभियान में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान 15 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है। इस कार्रवाई को नक्सल विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
मुख्य बातें:
- स्थान: करेगुट्टा पहाड़ियां, बीजापुर जिला, छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा।
- अभियान का नाम: मिशन संकल्प।
- सफलता: सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में 15 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया।
- जानकारी का स्रोत: एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी।
विस्तृत समाचार:
मुठभेड़ का घटनाक्रम:
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम को करेगुट्टा पहाड़ियों के घने जंगलों में नक्सलियों की उपस्थिति की खुफिया जानकारी मिली थी। इस सूचना के आधार पर, “मिशन संकल्प” के तहत एक विशेष अभियान की योजना बनाई गई और सुरक्षा बलों की टुकड़ियों को इलाके में रवाना किया गया। जैसे ही सुरक्षा बलों की टीम करेगुट्टा पहाड़ियों के पास पहुंची, घात लगाए बैठे नक्सलियों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
सुरक्षा बलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और नक्सलियों के साथ भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई। घने जंगल और दुर्गम पहाड़ी इलाका होने के बावजूद, सुरक्षा बलों ने साहस और रणनीति का परिचय देते हुए नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। कई घंटों तक चली इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को भारी क्षति पहुंचाई।
नक्सलियों की संख्या और पहचान:
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के बाद इलाके की तलाशी में 15 से अधिक नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। मारे गए नक्सलियों में कुछ शीर्ष कमांडर भी शामिल हो सकते हैं, हालांकि उनकी आधिकारिक पहचान अभी तक पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाई है। सुरक्षा बल घटनास्थल पर गहन तलाशी अभियान चला रहे हैं ताकि मारे गए अन्य नक्सलियों और उनके हथियारों के बारे में जानकारी एकत्र की जा सके।
सुरक्षा बलों की भूमिका और नुकसान:
इस साहसिक ऑपरेशन में विभिन्न सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम शामिल थी, जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस के विशेष बल और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान शामिल थे। पुलिस अधिकारी ने सुरक्षा बलों के साहस और समन्वय की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी पेशेवर तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया। मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को किसी भी प्रकार का बड़ा नुकसान होने की फिलहाल कोई आधिकारिक सूचना नहीं है, जिसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। मामूली रूप से घायल हुए जवानों का इलाज जारी है।
“मिशन संकल्प” का उद्देश्य और महत्व:
“मिशन संकल्प” छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सली गतिविधियों को पूरी तरह से समाप्त करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा एक महत्वपूर्ण अभियान है। इस क्षेत्र में नक्सलियों की मजबूत उपस्थिति सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी। इस ऑपरेशन में मिली सफलता नक्सलियों के मनोबल को तोड़ने और क्षेत्र में उनकी पकड़ को कमजोर करने में महत्वपूर्ण साबित होगी। यह सुरक्षा बलों के दृढ़ संकल्प और नक्सलवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था:
मुठभेड़ के बाद, पूरे करेगुट्टा पहाड़ी इलाके और आसपास के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मौके पर तैनात किया गया है और इलाके में व्यापक तलाशी अभियान जारी है ताकि किसी भी छिपे हुए नक्सली या उनके सहयोगियों का पता लगाया जा सके। पुलिस आम नागरिकों से भी शांति बनाए रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत सुरक्षा बलों को देने की अपील कर रही है।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर “मिशन संकल्प” के तहत सुरक्षा बलों द्वारा 15 से अधिक नक्सलियों को मार गिराना एक बड़ी सफलता है। यह कार्रवाई न केवल पहलगाम हमले का बदला है, बल्कि क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित करने और शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सुरक्षा बलों के साहस और रणनीति ने नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचाया है और यह उम्मीद की जा रही है कि इस तरह के लगातार अभियानों से नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने में मदद मिलेगी।