
सतना: अमरपाटन जनपद पंचायत के सीईओ ओ.पी. अस्थाना के खिलाफ आखिरकार पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी सीईओ के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 79, 224, 351 (3) और 352 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जनपद सीईओ के इस कृत्य के बाद जनप्रतिनिधियों में भारी आक्रोश है। फिलहाल, जिला पंचायत सीईओ ने उन्हें जिला कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। पुलिस ने पन्ना जिले के साकरिया से उन्हें हिरासत में लिया और थाने लेकर आई, जहां उन्हें मुचलके पर जमानत दे दी गई। सीईओ ओ.पी. अस्थाना के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी हो सकती है।
गौरतलब है कि जनपद सीईओ ओ.पी. अस्थाना ने बीते 16 अप्रैल की रात करीब 10 बजे जनपद पंचायत अमरपाटन की अध्यक्ष माया विनीत पांडे को फोन कर गोली मारने की धमकी दी थी। जनपद सीईओ का यह ऑडियो सोशल मीडिया पर अगले दिन वायरल हो गया था। ऑडियो में उन्हें यह कहते सुना गया था कि गोली कहीं भी चल सकती है, टिकुरिया टोला में या फिर जनपद कार्यालय में भी। सीईओ की धमकी के बाद अध्यक्ष श्रीमती माया पाण्डेय ने मामले की शिकायत अमरपाटन थाने में दर्ज कराई थी। विवेचना के बाद पुलिस ने सीईओ पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
बताया जाता है कि बीते 4 अप्रैल को अमरपाटन जनपद में सामान्य सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस बैठक में जनपद सीईओ के समय पर नहीं पहुंचने पर सभी सदस्यों ने मिलकर निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए शासन से कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। जब सीईओ वहां पहुंचे, तो सदस्यों के साथ उनकी तू-तू, मैं-मैं हो गई थी। दोनों पक्षों ने थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी, हालांकि उस दौरान कोई मामला दर्ज नहीं हुआ था। इसके बाद जनपद अध्यक्ष के पति विनीत पांडे ने आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत दर्ज करा दी थी। इसके बाद जनपद सीईओ ने फोन पर डराना-धमकाना शुरू कर दिया था।
ओ.पी. अस्थाना का विवादों से पुराना नाता रहा है। सतना जिले में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने सिविल लाइन इलाके में आरटीआई कार्यकर्ता राजा भैया तिवारी के साथ मारपीट की थी। इस मामले में थाने में केस दर्ज किया गया था, जिसमें अदालत ने सीईओ पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया था और अदालत उठने तक कोर्ट में खड़े रहने की सजा सुनाई थी। ओ.पी. अस्थाना के खिलाफ पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोप भी लग चुके हैं।
मैहर जिले के प्रवास पर पहुंचे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री से जब पत्रकारों ने इस घटना पर चर्चा की, तब उन्होंने कहा कि विभाग का मंत्री होने के नाते वह इस घटना से शर्मिंदा हैं। उन्होंने बताया कि एफआईआर दर्ज हो चुकी है और निलंबन की कार्रवाई भी हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह आचरण सेवा समाप्त करने योग्य है और विभाग इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।